Madhya Pradesh Liquor Scam Case News Update: मध्य प्रदेश लोकायुक्त टीम (Madhya Pradesh Lokayukta Team) ने आयकर विभाग (Income Tax Department) की गोपनीय रिपोर्ट की जांच शुरू कर दी है. वहीं आबकारी विभाग से सख्त लहजे में पूछा है कि शर्मा जी, बांगड़े साहब कौन हैं? उनका ड्राइवर कौन था? विश्वकर्मा साहब, पाण्डेय बाबू कौन हैं? लोकायुक्त ने ये सवाल आयकर विभाग की एक गोपनीय रिपोर्ट की जांच के बाद पूछे हैं. यह रिपोर्ट 2016 में मध्य प्रदेश (MP Liquor Scam Case) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Liquor Scam Case) में शराब के एक व्यवसायी (Liquor Businessman) के यहां तलाशी के दौरान जब्ती से संबंधित हैं. इस जांच के केंद्र में कई गंभीर आरोप (Serious Allegations) और वित्तीय अनियमितताएं (Financial Irregularities) शामिल हैं.
कोडेड डायरी का खुलासा
सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान एक कोडेड डायरी बरामद की गई थी, जिसमें संदिग्ध वित्तीय लेन-देन का विवरण था. इस डायरी ने आबकारी विभाग (Excise Department) के कई अधिकारियों को संदेह के घेरे में ला दिया है. इनमें भोपाल में वर्तमान में पदस्थ एक सहायक आयुक्त भी शामिल हैं, जिनकी भूमिकाओं और हितों के टकराव की भी जांच की जा रही है.
व्यापक तलाशी अभियान चला
7 जनवरी 2016 को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और राजस्थान में एक बड़े शराब कारोबारी के ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा था, जिसमें 1000 करोड रुपए से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला था.
55 परिसरों पर तलाशी ली गई थी. इस छापे में कई करोड़ नकद, जेवर, जमीन, कॉलेज और कोल्ड स्टोरेज में निवेश के अलावा अन्य संपत्तियां भी बरामद हुईं थीं.
विस्तृत जानकारी की मांग
सूत्रों के अनुसार, अलग-अलग तारीखों पर ग्वालियर, शिवपुरी और अन्य स्थानों पर तैनात अधिकारियों के बारे में भी जानकारी मांगी गई है, एनडीटीवी (NDTV) के पास नोटिस की एक प्रति है, जिसमें ग्वालियर में 'शर्मा' के बारे में जानकारी मांगी गई है और यह भी पूछा गया है कि किस अधिकारी/कर्मचारी को 'बांगरे साहब' के नाम से जाना जाता था.
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