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This Article is From Oct 09, 2023

MP Election 2023: BJP ने इन 57 विधायकों पर जताया भरोसा, 24 मंत्रियों को भी मिला टिकट

Madhya Pradesh Election: भजपा ने मध्य प्रदेश के मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को जहां उनकी पारंपरिक सीट बुधनी से चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं उनके कैबिनेट सहयोगी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ((Narottam Mishra) को दतिया से मैदान में उतारा गया है.

MP Election 2023: BJP ने इन 57 विधायकों पर जताया भरोसा, 24 मंत्रियों को भी मिला टिकट

Madhya Pradesh Election 2023: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है. इस में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री समेत 57 मौजूदा विधायकों को उम्मीदवार बनाया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) जहां अपनी पारंपरिक सीट बुधनी से चुनाव लड़ेंगे, वहीं उनके कैबिनेट सहयोगी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ((Narottam Mishra)को दतिया से मैदान में उतारा गया है. खास बात ये हैं इस बार के उम्मीदवारों में सभी विधायक है. इनमें से 24 मंत्री हैं मौजूदा सरकार में मंत्री है.

 136  उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी  है भाजपा

निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश और चार अन्य राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. इसके मुताबिक प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. इसके साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा अब तक 136 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इससे पहले, भाजपा ने 79 उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिसमें 39-39 उम्मीदवारों की दो सूची और एक उम्मीदवार की तीसरी सूची शामिल है.

24 मंत्रियों को फिर मिला टिकट

राज्य के सीहोर जिले के बुधनी से चौहान के अलावा, भाजपा ने रीवा जिले के देवतालाब से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को मैदान में उतारा है. इसके अलावा भाजपा ने प्रदेश के 24 मंत्रियों को चुनावी टिकट दिया है, जिनमें गृह मंत्री मिश्रा (दतिया), अरविंद सिंह भदौरिया (अटेर), विश्वास सारंग (नरेला, भोपाल), प्रयुमन सिंह तोमर (ग्वालियर), भरत सिंह कुशवाह (ग्वालियर ग्रामीण), भूपेन्द्र सिंह (खुरई), कमल पटेल (हरदा), गोविंद सिंह राजपूत (सुरखी), गोपाल भार्गव (रहली), राहुल सिंह लोधी (खरगापुर), बृजेंद्र प्रताप सिंह (पन्ना), राजेंद्र शुक्ला (रीवा), बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर), मीना सिंह (मानपुर), प्रभुराम चौधरी (सांची), विजय शाह (हरसूद), प्रेम सिंह पटेल (बड़वानी), राजवर्धन सिंह (बदनावर), तुलसीराम सिलावट (सांवेर), मोहन यादव (उज्जैन दक्षिण), जगदीश देवड़ा (मल्हारगढ़), हरदीप सिंह डंग (सुवासरा), रामकिशोर कावरे (परसवाड़ा) और ओम प्रकाश सकलेचा (जावद) शामिल हैं.

इन विधायकों को फिर दिया  गया टिकट

भोपाल जिले से पार्टी ने जिन उम्मीदवारों को फिर से मैदान में उतारा है, उनमें रामेश्वर शर्मा (हुजूर), कृष्णा गौर (गोविंदपुरा) और विष्णु खत्री (बैरसिया) शामिल हैं. सूची में अन्य उम्मीदवारों में प्रदीप लारिया (नरयावली), शैलेन्द्र जैन (सागर), प्रदुमन सिंह लोधी (मलहरा), विक्रम सिंह (रामपुर बाघेलान), दिव्यराज सिंह (सिरमौर), प्रदीप पटेल (मऊगंज), शरदेंदु तिवारी (चुरहट), मनीषा सिंह (जयसिंहनगर), जयसिंह मरावी (जैतपुर), संजय सत्येन्द्र पाठक (विजयराघवगढ़), संदीप जयसवाल (मुरवारा), अजय विश्नोई (पाटन), अशोक रोहाणी (जबलपुर छावनी), सुशील कुमार तिवारी (पनागर), दिनेश मुनमुन राय (सिवनी) ), योगेश पंडाग्रे (आमला), विजयपाल सिंह (सोहागपुर), रामपाल सिंह (सिलवानी), उमाकांत शर्मा (सिरोंज) करण सिंह वर्मा (इछावर), गायत्री राजे पवार (देवास), मनोज चौधरी (हाटपिपलिया), आशीष गोविंद शर्मा (खातेगांव) , रमेश मेंदोला (इंदौर-2), मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ (इंदौर-4), चैतन्य कुमार कश्यप (रतलाम शहर) और यशपाल सिंह सिसौदिया (मंदसौर) शामिल हैं.

7 सांसदों को चुनाव में उतार चुकी है भाजपा

पिछले महीने के अंत में घोषित दूसरी सूची में भाजपा ने सात लोकसभा सांसदों को मैदान में उतारा था, जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (दिमनी ), प्रहलाद पटेल (नरसिंहपुर), फग्गन सिंह कुलस्ते (निवास - एक एसटी आरक्षित सीट) साथ ही बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (इंदौर-1) के नाम उनमें शामिल है.

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जीत कर भी सत्ता से बाहर हो गई थी कांग्रेस

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 114 सीट के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि, तब किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. इसके बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और स्वतंत्र उम्मीदवारों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. प्रदेश के 230 सदस्यीय सदन में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 109 सीटें ही मिली थीं, लेकिन कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार 15 महीने बाद उस वक्त गिर गई, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कांग्रेस विधायकों का एक वर्ग पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. लिहाजा, चुनाव हारने के बाद भी मार्च 2020 में भगवा पार्टी एक बार फिर से सत्ता में लौट आई और शिवराज सिंह चौहान रिकॉर्ड चौथी बार मुख्यमंत्री बने.

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