Khajuraho Lok Sabha Seat: पहली बार यहां से नहीं होगी कांग्रेस, BJP Vs SP से अबकी बार विष्णु-मीरा उम्मीदवार

Lok Sabha Polls News: देश में जब पहली बार आम चुनाव हुए तो उसमें खजुराहो नाम की कोई सीट नहीं थी. वहीं 1967 और 1971 के चुनाव में भी खजुराहो लोकसभा सीट नहीं थी. इस दौरान टीकमगढ़ नाम पर चुनाव हुए थे. खजुराहो लोकसभा सीट पर 1957 से लेकर 2019 तक पांच बार कांग्रेस के उम्मीदवार ने चुनावी जीत अपने नाम की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने 8 बार जीत दर्ज की है.

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Lok Sabha Polls 2024 News: मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं. इन्हीें 29 सीटों में से एक है खजुराहो लोकसभा सीट (Khajuraho Parliamentary Constituency). यह संसदीय निवार्चन क्षेत्र अनारक्षित है. मध्य प्रदेश की बहुचर्चित खजुराहो लोकसभा (Khajuraho Lok Sabha Seat) से जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जहां अपने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (VD Sharma) को अपना उम्मीदवार (BJP Candidate) बनाया है. वहीं इंडी गठबंधन (I.N.D.I.A.) के तहत कांग्रेस (Congress Party) ने यह सीट समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को दे दी है. इस तरह इस लोकसभा सीट के इतिहास में यह पहला मौका है जब यहां कांग्रेस पार्टी ताल नहीं ठोक रही है. इस बार गठबंधन के सहयोगी दल समाजवादी पार्टी ने शनिवार 30 मार्च को मनोज यादव को अपना प्रत्याशित घोषित किया था. हालांकि समाजवादी पार्टी नेता (Samajwadi Party Leader) मनोज यादव (Manoj Yadav) की इस क्षेत्र में अभी कोई खास पहचान नहीं थी. जिसकी वजह से पार्टी को अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा अब खजुराहो सीट से मीरा यादव (Meera Yadav) समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ेंगी. मीरा यादव मध्य प्रदेश विधानसभा की निवाड़ी की पूर्व विधायक हैं. इनके पति दीप नारायण यादव 2007 और 2012 में उत्तर प्रदेश में झांसी के गरौठा से सपा विधायक थे.

Lok Sabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

पहले जानिए खजुराहो का इतिहास?

खजुराहो अपने मंदिरों के स्मारक समूह के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध है, इसे यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में भी शामिल किया गया है. खजुराहो, जिसे पहले खर्जुरावाहक के नाम से जाना जाता था, मध्य प्रदेश का एक प्राचीन शहर है. यहां के मन्दिर नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए हैं, जिसमें ज्यादातर मूर्तियां कामुक कला की हैं. यहां के ज्यादातर मन्दिर चन्देल राजवंश के समय हैं. इन मंदिरों का निर्माण 950 ईसवीं से 1050 ईसवीं के बीच चन्देल राजाओं द्वारा कराया गया था. हजारों वर्ष पुराना खजुराहो शहर चन्देल साम्राज्य की प्रथम राजधानी था. खजुराहो न केवल एक महत्वपूर्ण राजनीतिक स्थान है, बल्कि मध्य प्रदेश के पर्यटन का मुख्य केंद्र भी है. यह प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और शिल्पकला के लिए जाने जाते हैं. खजुराहो को खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था.

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Lok Sabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

खजुराहो लोकसभा बीजेपी का गढ़ माना जाता है, इस लोकसभा में आने वाली सभी विधानसभाओं में भाजपा का कब्जा है. मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट पर ओबीसी उम्मीदवार को मैदान में उतरने को मकसद यह है कि इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग तीन लाख पटेल और दो लाख यादव मतदाता हैं. इस सीट पर मतदान 26 अप्रैल को होगा.

Lok Sabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

Lok Sabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

1957 से 89 तक कांग्रेस उसके बाद बीजेपी का गढ़ बन गई यह सीट

देश में जब पहली बार आम चुनाव हुए तो उसमें खजुराहो नाम की कोई सीट नहीं थी. वहीं 1967 और 1971 के चुनाव में भी खजुराहो लोकसभा सीट नहीं थी. इस दौरान टीकमगढ़ नाम पर चुनाव हुए थे. खजुराहो लोकसभा सीट पर 1957 से लेकर 2019 तक पांच बार कांग्रेस के उम्मीदवार ने चुनावी जीत अपने नाम की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने 8 बार जीत दर्ज की है. वहीं इमरजेंसी यानी आपातकाल के बाद भारतीय लोक दल के उम्मीदवार ने 1977 में एक बार जीत हासिल की थी. 1989 में बीजेपी की उम्मीदवार उमा भारती ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी उसके बाद यह बीजेपी का गढ़ बन गयी.

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Lok Sabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

ऐसा है खजुराहो सीट का चुनावी इतिहास

1957 के चुनाव में कांग्रेस के पंडित राम सहाय चुने गए. 1962 के चुनाव में पंडित सहाय दोबारा चुनकर संसद पहुंचे. 1967, 1971 में खजुराहो नाम से लोकसभा सीट नहीं थी. 1976 के परिसीमन के बाद 1977 में खुजराहो सीट के लिए आम चुनाव हुए. आपातकाल के बाद हुए इस चुनाव में भारतीय लोक दल के लक्ष्मी नारायण नायक चुनाव जीते. 1980 और 1984 मेें हुए चुनाव में कांग्रेस की विद्यावती चतुर्वेदी इस सीट से जीतकर आयीं. BJP से लगातार चार बार (1989, 1991, 1996 और 1998) उमा भारती यहां जीतीं. कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी 1999 में जीते. 2004 से अबतक भाजपा का ही इस सीट पर कब्जा है. 2004 BJP के रामकृष्ण कुसमरिया यहां से सांसद चुने गए. 2009 में बीजेपी के बुंदेला जितेंद्र सिंह को विजय मिली. 2014 में BJP के नागेंद्र सिंह ने यहां से जीत दर्ज की. 2019 में बीजेपी के वीडी शर्मा ने यहां जीत हासिल की थी.

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पिछले चुनाव का हाल

पिछले लोकसभा चुनाव में, यानी लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर कुल 1842095 मतदाता थे. उस चुनाव में BJP प्रत्याशी वीडी शर्मा को जीत हासिल हुई थी, और उन्हें 8 लाख 11 हजार 135 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में वीडी शर्मा को लोकसभा सीट में मौजूद कुल मतदाताओं में से 44.03 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त हुआ था, जबकि इस सीट पर डाले गए वोटों में से 64.46 प्रतिशत उन्हें दिए गए थे. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान इस सीट पर INC प्रत्याशी महारानी कविता सिंह नातीराजा दूसरे स्थान पर थीं, जिन्हें 318753 वोट मिले थे, जो संसदीय सीट के कुल मतदाताओं में से 17.3 प्रतिशत का समर्थन था, और उन्हें कुल डाले गए वोटों में से 25.33 प्रतिशत वोट मिले थे. इस सीट पर आम चुनाव 2019 में जीत का अंतर 4 लाख 92 हजार 382 रहा था.

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