MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शूटिंग रेंज का देश में बेहद ही लंबा इतिहास रहा है. यहां पर जिस तरह खिलाड़ियों के रोमांचक मुकाबला होता है... ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश का सियासी मुकाबला भी इस बार दिलचस्प नज़र आ रहा है. साल 2024 के लोकसभा चुनावों का सियासी समर भी किसी शूटिंग रेंज कम नहीं हैं. जहां एक से एक सियासतदारों की साख दांव पर लगी ही है. मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से लगभग सभी सीटों पर BJP के 'शूटर' (सांसद) जीते हुए हैं. इकलौती सीट छिंदवाड़ा पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का बोलबाला है... साल 2024 में सियासी मैदान में हो रहे कड़े मुकाबले के बीच एक अहम सवाल उठता है कि क्या मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री की 'ट्रेनिंग' में BJP के उम्मीदवार 29 में से 29 के निशाने पर बाज़ी मार पाएंगे या फिर कहीं कांग्रेस कोई 'सरप्राइज' देकर सब को चौंका देगी? इससे पहले हम मध्य प्रदेश की 29 सीटों का सियासी गणित समझें आइए 'शूटिंग रेंज' वाली भाषा में समझते हैं कि साल 2024 में मध्य प्रदेश के इस चुनावी शूटिंग रेंज में कितने शूटर मुकाबले के लिए मैदान में उतरे हैं... और इस कांटे की टक्कर में कितने टॉप शूटर खड़े हैं.
MP में किसका पलड़ा भारी ?
मध्य प्रदेश शूटिंग रेंज 2024 में BJP और कांग्रेस दोनों के 29 शूटर अपनी किस्मत आज़माने वाले हैं. दोनों ही पार्टियों का टारगेट प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से ज़्यादा से ज़्यादा सीटें अपने नाम करने का है. अब टीम BJP और टीम कांग्रेस दोनों ही खेमें के कुछ 'टॉप शूटर' यानी कि दिग्गज नेता मैदान में उतरे हैं. इसमें BJP की टीम के पास पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे दिग्गज नेता हैं तो वहीं, टीम कांग्रेस के पास सांसद राहुल गांधी, पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जैसे दावेदार हैं. ये तो रहा साल 2024 का समीकरण... लेकिन दोनों ही टीमों ने अब तक चुनावी समर में कैसा प्रदर्शन किया है? तो आइए BJP का अब तक का स्कोरबोर्ड देखते हैं:
MP में BJP का स्कोरबोर्ड !
साल 2009 के आमचुनावों में BJP ने 29 में से 16 सीटें अपने नाम की थी. इसमें वोट शेयर 44% था.
साल 2014 के आमचुनावों में BJP ने 29 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसमें 54% वोट मिला.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में BJP ने 29 में से 28 सीटों पर बाज़ी मारी थी. इसमें वोट शेयर 58% था.
MP में कांग्रेस का स्कोरबोर्ड !
साल 2009 के आमचुनावों में कांग्रेस ने 29 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसमें वोट शेयर 40 % था.
साल 2014 के आमचुनावों में कांग्रेस ने 29 में से सिर्फ 2 सीटें अपने नाम की थी. इसमें 35 % वोट मिला.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस 29 में से सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई. वोट शेयर 35 % ही रहा.
छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने मारी बाजी
मध्य प्रदेश की वो सीट....जिसे कांग्रेस का गढ़ माना गया है. सिर्फ एक छिंदवाड़ा में ही कांगेस का स्कोरबोर्ड टॉप लेवल का रहा है. क्योंकि यहां पर अब तक BJP सेंध मारने में कामयाब नहीं हो पाई है.. लेकिन BJP इस सीट को भेदने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. साल 2009 में इस लोकसभा से BJP को 35% वोट मिले. फिर 2014 में 40 फीसद वोट मिला. वहीं, साल 2019 के इलेक्शन में BJP वोट फीसद बढ़कर 44% हो गया.
कांग्रेस को कैसे होगा फायदा ?
ऐसे में एक बात तो साफ़ हो गई है...मध्य प्रदेश में टीम BJP अव्वल परफॉर्मर है... लेकिन फिर भी कहा जाता है कि खेल और खिलाड़ी कितने ही बेहतरीन क्यों न हो... जीत को लेकर आशंकाएं हमेशा रहती है. इस लिहाज़ से सोचा जाए तो अगर किसी भी मायने में BJP इस साल अपने टारगेट सटीक निशाना नहीं लगा पाई.. और ज़रा सा भी चूकती है तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस पार्टी को मिल सकता है. मिसाल के तौर पर अगर टीम BJP 5% भी अपने टारगेट को पूरा करने से चूकती हैं तो उससे पार्टी के हाथ से 2 सीटें चली जाएगी... और फिर ये सीटें कांग्रेस को मिल जाएंगी. इसी तरह अगर BJP 10% चूकी, तो पार्टी के हाथों से 9 सीटें निकल जाएगी... और कांगेस के खातें में 10 सीटें जुड़ जाएंगी.
जानिए एक्सपर्ट्स की राय !
किसी में खेल में बाज़ी पलटने के लिए चैंपियन बनना ज़रूरी होता है. ऐसे में क्या BJP मध्य प्रदेश शूटिंग रेंज का चैंपियन बनने के लिए कांग्रेस के अभेद किले यानी कि छिंदवाड़ा को भेद पाएगी? जब हमने ये सवाल एक राजनीति विश्लेषक अमिताभ तिवारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि
निष्कर्ष
BJP के ज़्यादातर बड़े खलाड़ी हर तरीके से छिंदवाड़ा के वोटरों को साधने में लगे हुए हैं. हम बात करें CM मोहन यादव की या फिर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की...BJP के कई बड़े चेहरों ने चुनावों से पहले छिंदवाड़ा की जनता के साथ समय बिताया. वे कई दिनों तक छिंदवाड़ा के वोटरों के साथ रहे. इस बीच ताज़ा आंकड़ें भी ये कहते नज़र आ रहे हैं कि छिंदवाड़ा में BJP की स्थिति पहले से मजबूत नज़र आ रही है. ऐसे में कांग्रेस पर इसका कितना कर क्या असर पड़ सकता है? ये तो 4 जून को ही सामने आ आएगा.
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