MP-CG सहित जहां मिली कांग्रेस को करारी, वहां की पड़ताल शुरु, खरगे ने इतनी कमेटी गठित की

Congress fact-finding committees: हार के कारण जानने के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चौहान, सप्तगिरि उलका और जगदीश मेवानी शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए वीरप्पा मोइली और हरीश चौधरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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Congress News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में देश के कई राज्यों में कांग्रेस (Congress) को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) दिल्ली (Delhi), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand) जैसे राज्य तो ऐसे हैं, जहां कांग्रेस (Indian National Congress Party) का खाता तक नहीं खुल सका. यही वजह है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक व तेलंगाना जैसे राज्यों में मिली हार का कारण ढूंढना शुरू कर दिया है. इन राज्यों में मिली हार के कारण ढूंढने के लिए कांग्रेस (President of Indian National Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने अलग-अलग फैक्ट फाइंडिंग (Fact Finding Committees) कमेटियों का गठन किया है.

कितनी कमेटी गठन की हैं?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को 19 जून को कुल 6 फैक्ट फाइंडिंग कमेटियों के गठन को मंजूरी दी है. ये सभी कमेटियां इन राज्यों में हार के कारणों का पता लगाएंगी. इस प्रक्रिया में स्थानीय कांग्रेस नेताओं से भी उनकी राय ली जाएगी. सभी से बात करने के उपरांत हार के कारणों की रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी जाएगी.

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मध्य प्रदेश में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी यहां लोकसभा की सभी 29 सीटों पर चुनाव हार गई. यहां हार के कारण जानने के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चौहान, सप्तगिरि उलका और जगदीश मेवानी शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ में इनको मिली जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए वीरप्पा मोइली और हरीश चौधरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ओडिशा में भी कांग्रेस चुनाव बुरी तरह हार गई. यहां हार के कारणों का पता लगाने की जिम्मेदारी अजय माकन और तारिक अनवर को सौंपी गई है.

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तीन और राज्य ऐसे हैं, जहां कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया. इनमें दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. इन तीनों राज्यों के लिए भी एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल शामिल हैं.

कांग्रेस के नेता इन राज्यों में हार के कारणों का पता लगाकर आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे. कर्नाटक में भी कांग्रेस पार्टी को उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिल पाए, यही कारण है कि यहां हुई हार के लिए भी तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में मधुसूदन मिस्त्री, गौरव गोगोई और हीबी ईडन शामिल हैं. वहीं, तेलंगाना में पीजे कुरियन, रकिबुल हुसैन और प्रगट सिंह की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी उम्मीद के मुताबिक नतीजे न मिलने के कारणों का पता लगाएगी.

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लोकसभा के बाद अब विधानसभा की तैयारी

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 99 सीटें ही मिल सकी थी. जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के इंडिया गठबंधन को कुल 234 सीटें मिली हैं. चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन को 295 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप बनाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है. कांग्रेस अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी जुट जाना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रत्येक विधानसभावार प्रभारी नियुक्त करने का सुझाव दिया है.

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