Madhya Pradesh Lok Sabha Election News: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों (Madhya Pradesh Lok Sabha Seats) में से 28 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) भले ही इस लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में सभी 29 की 29 सीटें जीतने का दावा करें, लेकिन 9 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जिनको जीतने में बीजेपी को एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ेगा, तब ही कुछ हो पाएगा. अगर ऐसा नहीं होता तो कुछ सीटों पर पार्टी को हार का मुंह भी देखना पड़ सकता है. ऐसे कैसे हो सकता हैं? क्या है इसके पीछे की वजह? और कौन सी हैं वो 9 सीटें? देखें पूरी पड़ताल एनडीटीवी (NDTV) की इस खास रिपोर्ट में...
देश में 7 तो एमपी में 4 चरणों में होगा मतदान
देश में लोकसभा चुनाव की तारीखो का ऐलान हो चुका है. 19 अप्रैल से सात चरणों मे चुनाव होंगे और 4 जून को परिणाम आएगा. वहीं एमपी मे चार चरणों मे चुनाव होने हैं. 19 अप्रैल को पहले चरण और 13 मई को चौथे और आखिरी चरण का चुनाव होगा.
हमेशा इलेक्शन मोड में रहने वाली बीजेपी (BJP) ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी कर ली है और वह इस बार के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने का दावा कर रही है. लेकिन हाल ही मे हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद भी 9 लोकसभा सीटों की विधानसभाओं में कांग्रेस से पिछड़ गई थी. जिनमें से 6 पर कांग्रेस (Congress) ने लीड की थी, वहीं 3 पर वह बीजेपी के बराबर रही थी. ऐसे में ये 9 लोकसभा सीटें BJP के लिए मुश्किल साबित होती दिखाई दे रही हैं. वहीं कांग्रेस इन लोकसभाओं को लेकर कॉन्फिडेंट दिखाई दे रही रही है.
अब जानिए वे 9 सीटें जहां BJP की राह कठिन हो सकती है
अब जान लेते हैं कि वो कौन 9 लोकसभा सीटें कौन सी हैं? और क्या है उनका समीकरण? यह 9 लोकसभाएं हैं छिंदवाड़ा, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, मंडला, बालाघाट, रतलाम, धार और खरगोन.
इन लोकसभा सीटों का विधानसभा चुनाव में ऐसा था समीकरण
छिंदवाड़ा लोकसभा कुल 7 विधानसभाएं (जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, सौसर, छिंदवाड़ा, परासिया, पांडुर्णा) सभी 7 की 7 कांग्रेस के पास. मुरैना में कुल 8 विधानसभा है इसमें से कांग्रेस के पास पांच (श्योपुर, विजयपुर ,जौरा, मुरैना,अंबाह) और बीजेपी के पास तीन (सबलगढ़, सुमावली, दिमनी) हैं.
खरगोन लोकसभा क्षेत्र में भी कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, इन 8 सीट में कांग्रेस (कसरावद ,भगवानपुरा,सेंधवा, राजपुर, बड़वानी) तो बीजेपी तीन सीट में (महेश्वर, खरगोन, पानसेमल) काबिज है. रतलाम लोकसभा की कुल 8 विधानसभा सीटों में कांग्रेस 4 (आलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, चाँदला), BJP तीन (पेटलावद, रतलाम ग्रामीण, रतलाम सिटी) और भारत आदिवासी पार्टी एक सीट (सैलाना) पर सत्ता में है.
बालाघाट की बात करें तो कुल 8 विधानसभा में से कांग्रेस 4 (बैहर, परसवाड़ा. बालाघाट, वारासिवनी) और बीजेपी 4 (लांजी, कंटगी, बरघाट, सिवनी) सीटों पर काबिज है.
बीजेपी का पलटवार- कांग्रेस देख रही है सपने
बीजेपी को लगता है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव दोनों अलग-अलग हैं और इस बार के लोकसभा चुनाव में वे अपनी पुरानी 28 सीटों के साथ-साथ छिंदवाड़ा को भी जीतकर मिशन 29 के संकल्प को पूरा करेगी. लगातार कांग्रेस नेताओं द्वारा बीजेपी ज्वाइन करने से बीजेपी अपने आपको इस मिशन मे कंफर्ट महसूस कर रही है.
सलूजा ने आगे कहा कि आज पूरा देश मोदी जी (PM Modi) के साथ है. मोदी जी का परिवार बना हुआ है. देश की जनता जानती है कि राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) किसकी सरकार में बना. धारा 370 (Article 370) किसकी सरकार में हटी, सीएए (CAA) किसकी सरकार में लागू हुआ. तीन तलाक पर निर्णय किसने लिया. यह बात सब लोग जानते हैं. सब लोग बीजेपी के साथ हैं, मोदी जी के साथ हैं. कांग्रेस कितने भी सपने देख ले मध्य प्रदेश में कांग्रेस का खाता ही नहीं खुलेगा. अभी तो कांग्रेस को लड़ने को उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे और जब उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं तो फिर सपने किस हद से कांग्रेस देख रही है.
कांग्रेस और बीजेपी (Congress-BJP) दोनों के अपने-अपने दावे हैं. हालांकि विधानसभा चुनाव को अभी कुछ ही महीने हुए हैं, ऐसे में अगर मतदाताओं का मूड वही रहता है तो बीजेपी के सभी 29 सीटें जीतने के संकल्प को धक्का लग सकता है.
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