Election Result: विधानसभा में हारे लेकिन लोकसभा में चमके, MP में बीजेपी के इन नेताओं की बदली किस्मत

Madhya Pradesh Election Result: इस बार का लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश के बीजेपी नेताओं के लिए अच्छा रहा. विधानसभा चुनाव हारने वाले कई नेता इस बार का लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं.

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MP Lok Sabha Election Result: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लोकसभा चुनाव की कहानी कम से कम तीन बीजेपी नेताओं के लिए किस्मत बदलने की गाथा रही है. वर्ष 2023 के अंत में हुए विधानसभा चुनावों में जिन नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा, उनकी किस्मत लोकसभा चुनाव में पलट गई. उन तीन नेताओं में से एक 45 साल के विवेक बंटी साहू, जो एक पुराने आरएसएस परिवार की तीसरी पीढ़ी के हैं. जिन्होंने मंगलवार को कांग्रेस (Congress) के आखिरी अजेय गढ़ छिंदवाड़ा (Chhindwara) में 1.13 लाख से अधिक मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल कर अकल्पनीय उपलब्धि हासिल की.

साहू का परिवार छिंदवाड़ा में सबसे संपन्न जौहरी परिवारों में से एक है. खास बात यह है कि विवेक बंटी साहू (Vivek Bunty Sahu) 2019 और 2023 में लगातार दो विधानसभा चुनाव किसी और से नहीं बल्कि पूर्व सीएम कमल नाथ से हारे थे. अब उन्होंने कमल नाथ के बेटे को हराकर कांग्रेस के अभेद किले को भी भेद दिया है.

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विवेक बंटी साहू ने संगठन को किया मजबूत

पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान साहू के एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था, तब से उन्हें छड़ी की मदद से चलना पड़ रहा है, लेकिन इस चोट ने साहू की चुनावी संभावनाओं को कम नहीं होने दिया. कमल नाथ के मौजूदा सांसद बेटे नकुल नाथ के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार घोषित होने के बाद साहू ने सात विधानसभा क्षेत्रों में फैले छिंदवाड़ा में कड़ी मेहनत की. उनका कथित अश्लील वीडियो (जिस पर साहू ने कमलनाथ के ओएसडी आरके मिगलानी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था) से संबंधित विवादों के बाद भी विवेक बंटी साहू ने पूरी बीजेपी टीम के साथ कड़ी मेहनत की और पांढुर्णा जैसे उन विधानसभा क्षेत्रों में भी प्रतिबद्ध युवाओं का एक नेटवर्क बनाने में कामयाबी हासिल की, जहां बीजेपी को पहले बूथों पर पोलिंग एजेंट नहीं मिलते थे.

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कुलस्ते के सिर सजा जीत का ताज

इस लिस्ट में 2023 का विधानसभा चुनाव हारने वाले दो और बीजेपी नेता हैं. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) जो अपने गृह सीट निवास-एसटी से विधानसभा चुनाव हार गये थे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने मंडला-एसटी लोकसभा सीट से एक लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की और चौथी बार कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम को हराया.

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सतना सांसद ने हार का लिया बदला

वहीं विंध्य क्षेत्र की सतना सीट से चौथी बार सांसद गणेश सिंह (जो ओबीसी कुर्मी जाति से आते हैं) ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव जीत लिया है. खास बात यह है कि उन्होंने सतना विधानसभा सीट से मौजूदा कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को हराया है. इससे पहले विधानसभा चुनाव 2023 में सिद्धार्थ कुशवाहा ने 6000 से भी कम मतों से गणेश सिंह (Ganesh Singh) को हराया था. अब गणेश सिंह ने अपनी हार का बदला लेते हुए कुशवाह को त्रिकोणीय मुकाबले में करीब 85,000 वोटों से हराया है. इस मुकाबले में पूर्व भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी बसपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे.

अनीता नागर सिंह ने पांच बार के सांसद को दी मात

रतलाम-एसटी निर्वाचन क्षेत्र में, अलीराजपुर जिला पंचायत की कम चर्चित प्रमुख अनीता नागरसिंह चौहान (Anita Nagar Singh Chauhan) ने पांच बार के पूर्व कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को हराया है. उन्होंने 2 लाख से अधिक के बड़े अंतर से हराकर यह बड़ा कारनामा कर दिखाया है. अनीता नागर सिंह चौहान मध्य प्रदेश के वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी हैं, जिनकी कांतिलाल भूरिया के साथ तीखी प्रतिद्वंद्विता पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ-अलीराजपुर क्षेत्र में जगजाहिर है.

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