Land Mafia of MP: मध्य प्रदेश में दबंग भू-माफिया कितने बेखौफ़ हैं, इसकी बानगी सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीड के कोर्ट रूम में दिखी, जहां बीच सुनवाई के दौरान दंबग भू-माफिया एक आदिवासी को जबरन कोर्ट रूम से बाहर ले जाने लगे. कोर्ट रूम में दबंग भू-माफिया की हरकतों का देख जज भी चौंक गए.
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जज की निगाह भू-माफिया पर पड़ी तो दंग रह गए
रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट सोमवार को आदिवासी को बंधुआ बनाने का आरोपी भू स्वामी की सुनवाई कर रहा था और बीच सुनवाई में भू-माफिया जज के सामने से पीड़ित को जबरन बाहर ले जाने लगा. जज की निगाह भू-माफिया पर पड़ी तो दंग रह गए. उन्होंने बिना देर किए दबंगों को तुरंत कोर्ट से बाहर निकालने का आदेश देते हुए सख्त निर्देश दिए.
आज भी आदिवासी को बंधुआ बनाते हैं भू-माफिया
मामला संभाग के अशोकनगर का था, जहां दबंग और राजनीतिक रसूख वाले लोग आज भी आदिवासी लोगों को बंधुआ बनाकर रख रहे हैं. मामला अशोकनगर की ईसागढ़ तहसील के ग्राम अकलौन, बृजपुरा और कुलवर्ग में लगभग 4.87 हेक्टेयर जमीन से जुड़ा हुआ हैं, इस जमीन की भूस्वामी छोटेलाल की पत्नी मुन्नी बाई हैं.
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पीड़ित छोटे लाल 4 बजे से पहले ही कोर्ट रूम में बैठा मिला
रिपोर्ट के मुताबिक लंच के बाद कोर्ट फिर बैठी तो छोटे लाल 4 बजे से पहले ही कोर्ट रूम में बैठा मिला. इस बीच रंधावा के साथी गौरव शर्मा और उसके पिता धर्मपाल शर्मा कोर्ट रूम में आए और छोटेलाल को जबरन कोर्ट रूम से बाहर ले जाने लगे. कोर्ट की जैसे ही निगाह पड़ी, उसने निर्देश देकर दोनों को कोर्टरूम से बाहर करवा दिया.
डिवीजन बेंच ने कलेक्टर और एसपी को दिए सख्त निर्देश
घटनाक्रम से नाखुश होकर जस्टिस आनंद पाठक ने कहा कि, जब हमारे सामने ये हाल है तो फिर बाद में क्या होगा? करीब आधे घंटे तक सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस आनंद पाठक व जस्टिस हिरदेश की डिवीजन बेंच ने अशोकनगर कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिया कि प्रकरण खत्म होने तक मुन्नीबाई के नाम से जमीन की बिक्री नहीं हो सकेगी.
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जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, पीड़ित छोटेलाल आदिवासी ने हाईकोर्ट मे एक याचिका दायर की थी, याचिका में पीड़ित ने आरोप लगाया था कि बेटी-दामाद ने उसकी पत्नी को कब्जे में कर लिया हैं, लेकिन पत्नी ने पति को भू- बंधुआ मजदूर बताया. छोटेलाल ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, इसमें बेटी रामकली बाई, उसके पति रमेश और उसकी सास सरस्वती बाई पर पत्नी को जबरन कब्जे में रखने का आरोप लगाया था.
अशोकनगर पुलिस ने मुन्नी बाई को हाईकोर्ट में पेश किया
याचिका में बताया गया कि पत्नी कुंभ स्नान के लिए 29 जनवरी को गई थी, उसके बाद से कोई खबर नहीं है. 2 फरवरी को पुलिस में इसकी सूचना दी गई, इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. कोर्ट के निर्देश पर अशोकनगर पुलिस ने मुन्नी बाई को कोर्ट में पेश किया. उसने बताया कि उसके नाम जमीन है, जिसे हरदीप रंधावा किसी और को बेचना चाहता है.
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हाईकोर्ट ने कलेक्टर-एसपी को दिया आदेश
इस मामले मे हाईकोर्ट की डबल बैच ने विवादित ज़मीन की खरीद- फरोख्त पर रोक लगाने का आदेश देते हुए निर्देशित किया कि कलेक्टर अशोकनगर बीते दस साल में उन तमाम जमीन के सौदों की जांच करें, जिसमें जमीन बेचने वाला आदिवासी और खरीदने वाला अन्य समुदाय से हो. कोर्ट को दो सप्ताह में उन्हें विस्तृत जांच रिपोर्ट देनी होंगी.
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छोटेलाल और उसकी पत्नी को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए
हाईकोर्ट ने एसपी अशोकनगर को निर्देश दिए कि वह छोटेलाल और उसकी पत्नी मुन्नीबाई को पुलिस सुरक्षा प्रदान करें और व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी भी रखें. पति-पत्नी को ग्राम सुरेल में साथ रखे और वहां पूरी पुलिस सुरक्षा दे. साथ ही, यह भी कहा कि यदि जिले में किसी से भी जमीन छुड़ाने के उद्देश्य से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है तो कलेक्टर उसकी भी जांच कराए और यदि कोई भी व्यक्ति इसमें बाधा डालता हैं तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.