Ladli Behna Yojana: लाडली बहनों को नहीं मिलेंगे 3000 रुपये? विधानसभा में मंत्री ने दिया चौंकाने वाला जवाब

Ladli Behna Yojana: मुख्यमंत्री मोहन यादव कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि लाडली बहनों को दी जाने वाली राशि धीरे-धीरे 3000 रुपये प्रतिमाह तक की जाएगी, लेकिन विधानसभा में महिला व बाल विकास मंत्री ने साफ कह दिया लाडली बहना योजना की राशि को 3000 रुपये प्रतिमाह करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

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Ladli Behna Yojana MP: मध्य प्रदेश की बहुचर्चित फ्लैगशिप योजना लाडली बहना को लेकर महिला व बाल विकास विभाग की दो टूक जवाब ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. विधानसभा में महिला व बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने साफ किया है कि लाडली बहना योजना की राशि को 3000 रुपये प्रतिमाह करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

दिवाली पर लाडली बहनों को मिलेंगे 1500 रुपये ?

यह जवाब उस समय आया है जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि लाडली बहनों को दी जाने वाली राशि धीरे-धीरे 3000 रुपये प्रतिमाह तक की जाएगी. हाल ही में रक्षाबंधन पर सरकार ने 250 रुपये अतिरिक्त देकर लाडली बहनों के खाते में कुल 1500 रुपये भेजे थे और दिवाली से हर माह इतनी राशि देने की बात कही जा रही है.

लाडली बहनों को प्रतिमाह नहीं मिलेंगे 3000 रुपये !

लेकिन जब कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने इसको लेकर विधानसभा में सवाल पूछा कि मुख्यमंत्री द्वारा जून 2025 में इंदौर में की गई घोषणा किस आदेश क्रमांक पर दर्ज है? क्या इस योजना में 3000 रुपये प्रतिमाह करने की कोई आधिकारिक योजना है? 20 अगस्त 2023 के बाद से नए पंजीयन क्यों नहीं किए जा रहे? क्या बिना स्पष्ट निर्देश के अतिरिक्त रुपये बांटे जा रहे हैं? नाम कटने पर लाभार्थियों को सूचना क्यों नहीं दी जा रही? और क्या हर माह तंय तारीख को भुगतान नहीं हो रहा?

विधानसभा में आया चौंकाने वाला जवाब

विधायक पंकज उपाध्याय के इस सवाल पर महिला व बाल विकास मंत्री ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि जून 2025 में इंदौर में कोई ऐसी घोषणा नहीं की गई है. कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, इसलिए नए पंजीयन नहीं हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी पात्र हितग्राही का नाम नहीं काटा गया है और लाडली बहना योजना की राशि 3000 रुपये प्रतिमाह करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन नहीं है.

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अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे हैं, तो विभाग उसे अस्वीकार क्यों कर रहा है ?

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