हे महाकाल! आपके द्वार पर भारी अव्यवस्था, श्रद्धालुओं की हो रही 'परीक्षा', प्रशासन ने जोड़ लिए हाथ

Shri Mahakaleshwar Mandir Ujjain: श्रद्धालु महाकाल लोक से मानसरोवर द्वार से दर्शन के लिए आते हैं. इसलिए यहां तीन स्थानों पर पेयजल के लिए स्टाल लगाए गए है, जहां 50-60 केन से कर्मचारी पानी पिलाते है, लेकिन भीषण गर्मी और श्रद्धालुओं की संख्या के कारण यह पानी कुछ घंटे में खत्म हो जाता है. वहीं लगभग 500 मीटर दूर नंगे पैर गर्म सड़कों पर चलना पड़ता है.

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Lack of facilities in Mahakal temple Ujjain: महाकाल मंदिर में अव्यवस्था

Shri Mahakaleshwar Mandir Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Shri Mahakaleshwar Mandir) में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते है. इसलिए यहां अधिकारियों और कर्मचारियों की फौज तैनात रहती है. बावजूद इसके यहां की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भीषण गर्मी में तपती जमीन पर नंगे पैर दौड़ने को मजबूर और प्यास बुझाने के लिए भटकते श्रद्धालु हैं. ऐसी स्थिति के बाद भी अधिकारी व्यवस्था के लिए सुधार करने की जगह गलती छुपाने का प्रयास कर रहे है.

भीषण गर्मी श्रद्धलुओं की परीक्षा

बाबा महाकाल के प्रति आस्था के कारण पारा 42 डिग्री तक पहुंचने पर भी देश भर से प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे है. भीषण गर्मी में नंगे पैर चल रहे श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त टेंट नहीं लगाने और मैट नहीं बिछाने के कारण दौड़ लगानी पड़ रही है. यही नहीं यहां लगाए स्टालों पर पानी नहीं होने के कारण श्रद्धालु प्यासे ही भटकने को मजबूर है. खास बात यह है कि शिकायतों के बाद भी अधिकारी सिर्फ राजनेताओं या वीआईपी के आने पर व्यवस्था दुरस्त कर देते है. बाद में स्थिति भगवान भरोसे छोड़ देते है. बता दें कि मंदिर की व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां आईएसएस अधिकारी को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपने के साथ करीब एक दर्जन अधिकारियों को पदस्थ कर रखा है.

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जूते-चप्पल स्टैंड 500 मीटर दूर

श्रद्धालुओं के परेशान होने की वजह  आम श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए जूता चप्पल स्टैंड है. दर्शन के लिए जाते समय श्रद्धालु यहां जूते चप्पल तो उतार देता है, लेकिन वापस आने के लिए उसे 500 मीटर से अधिक घूमकर नंगे पैर आना पड़ता है. इसलिए तपती गर्मी में श्रद्धालुओं को दौड़ लगाना पड़ रही है. यह विडंबना है कि जानकारी के बावजूद जिम्मेदार इसका कोई हल नहीं निकाल पा रहे है.

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कर्मचारी बोले हम मजबूर

श्रद्धालु महाकाल लोक से मानसरोवर द्वार से दर्शन के लिए आते हैं. इसलिए यहां तीन स्थानों पर पेयजल के लिए स्टाल लगाए गए है, जहां 50-60 केन से कर्मचारी पानी पिलाते है, लेकिन भीषण गर्मी और श्रद्धालुओं की संख्या के कारण यह पानी कुछ घंटे में खत्म हो जाता है. ऐसी स्थिति में पानी की केन आने में 2 से 3 घंटे लग रहा है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को प्यास रहना पड़ रहा है. इस अव्यवस्था से बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हो रहे है.

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पहले भागे फिर दी सफाई

महाकाल मंदिर में अवस्थाओं को लेकर सहायक प्रशासक सतनाम सोनी से हमने चर्चा की, पहले उन्होंने इससे बचने का प्रयास किया और हाथ जोड़कर भाग गए. लेकिन बाद में सफाई देते हुए बताएं कि सभी जगह मैट बिछी हुई है और पानी की पर्याप्त व्यवस्था है. उन्होंने माना कि कई बार पानी सप्लाई में थोड़ी बहुत देर हो जाती है.

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