राजधानी भोपाल के खुशीलाल ग्राउंड में क्षत्रिय करणी सेना का बड़ा क्रांति सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें प्रदेशभर से हजारों लोग शामिल हुए. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत और प्रदेश अध्यक्ष इंद्र सिंह राणा ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. सम्मेलन में समाज के लोग 10 प्रमुख मुद्दों को लेकर एकजुट नजर आए.
क्षत्रिय करणी सेना की 10 सूत्रीय प्रमुख मांगें
- हरदा मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई
- EWS आरक्षण 10% से बढ़ाकर 20% किया जाए
- गौ माता को ‘राष्ट्र माता' का दर्जा दिया जाए, गौ तस्करी और हत्या पर कठोर कानून बनाया जाए
- जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व
- विधानसभा, लोकसभा और संगठनात्मक पदों पर दिया जाए
- एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग रोका जाए, गिरफ्तारी जांच के बाद ही हो
- मठ-मंदिरों की जमीन उनके नाम दर्ज की जाए, अवैध कब्जे हटाए जाएं
- अग्निवीर योजना रद्द कर सेना में स्थायी भर्ती बहाल की जाए,
- पेंशन और पूरी सुविधा दी जाएं
- सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी, नुकसान होने पर किसानों को पूरा मुआवजा
- क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास से छेड़छाड़ और अपमानजनक टिप्पणियों पर रोक
सीएम हाउस में अधिकारियों से चर्चा
सम्मेलन में पहले घोषणा की गई थी कि दोपहर 2 बजे तक सीएम ऑफिस का कोई अधिकारी नहीं आता, तो कार्यकर्ता आगे की रणनीति तय करेंगे. 3 बजे तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जिसके बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस की ओर कूच करना शुरू कर दिया. लेकिन, पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया, इसके बाद वे सभी सड़क पर बैठ गए. कुछ देर बाद प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह राणा समेत सात लोग सीएम हाउस पहुंचे. जहां सरकार के सामने अपनी मांगे रखीं. सीएम मोहन यादव के राजधानी से बाहर होने के कारण पदाधिकारियों ने अधिकारियों से बातचीत की. अधिकारियों ने 25 नवंबर तक हरदा प्रकरण सहित अन्य मांगों के समाधान का आश्वासन दिया है.
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