Good News: किसानों के लिए 7 नई कृषि परियोजनाएं, CM मोहन ने कहा- अन्नदाताओं को नई दिशा दे रहे हैं PM मोदी

Modi Cabinet: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों का जीवन स्तर बेहतर बनाने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए 14235.30 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली सात योजनाओं को मंजूरी दे दी है.

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Farmers News: किसानों का जीवन स्तर बेहतर बनाने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बड़ी घोषणा कर दी है. मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने सोमवार 2 सितंबर को 13,966 करोड़ रुपये की लागत वाली सात प्रमुख कृषि परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ  मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने प्रधानमंत्री मोदी (PM) को किसानों के हित में लिये गये इस निर्णय के प्रति आभार माना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने किसानों के जीवन को नई दिशा देने का संकल्प लिया है, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नया युग शुरू होगा.

क्या है इन परियोजनाओं में?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि, "हमने सफल पायलट प्रोजेक्ट्स के आधार पर 2,817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है. यह मिशन कृषि के लिए डिजिटल अवसंरचना का निर्माण करेगा, जो किसानों की जिंदगी को नई तकनीकी ऊंचाइयों पर ले जाएगा."

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कैबिनेट ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. इनमें से पहला है डिजिटल कृषि मिशन, जो एआई, बिग डेटा और रिमोट सेंसिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करेगा.

इसके अलावा, खाद्य और पोषण सुरक्षा को लेकर 3,979 करोड़ रुपये की लागत से 6 प्रमुख स्तंभों पर आधारित कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जो 2047 तक जलवायु-संवेदनशील फसल विज्ञान को बढ़ावा देगा.

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत कृषि शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए 2,291 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें डिजिटल बुनियादी ढांचे और नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पाठ्यक्रम में सुधार शामिल है. पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपये, बागवानी के विकास के लिए 860 करोड़ रुपये, और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए क्रमशः 1,115 करोड़ रुपये और 1,202 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.

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ऐसे समझिए 7 प्रमुख परियोजनाओं को

डिजिटल कृषि मिशन: डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के स्‍वरूप पर आधारित, डिजिटल कृषि मिशन किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा। इस मिशन का कुल परिव्यय 2,817 करोड़ रुपये है. इसमें दो आधारभूत स्तंभ शामिल हैं.

1. एग्री स्टैक

  • किसान की रजिस्ट्री
  • गांव की भूमि के नक्शे की रजिस्ट्री
  • बोई गई फसल की रजिस्‍ट्री

2. कृषि निर्णय सहायता प्रणाली

  • भूस्थानिक डेटा
  • सूखा/बाढ़ निगरानी
  • मौसम/उपग्रह डेटा
  • भूजल/जल उपलब्धता डेटा
  • फसल उपज और बीमा मॉडलिंग

मिशन में ये प्रावधान हैं

  • मिट्टी के बारे में विस्‍तृत जानकारी
  • डिजिटल फसल अनुमान
  • डिजिटल उपज मॉडलिंग
  • फसल ऋण के लिए जुड़ें
  • एआई और बिग डेटा जैसी आधुनिक तकनीकें
  • खरीदारों से जुड़ें
  • मोबाइल फोन पर नई जानकारी लाएं

3. खाद्यान्‍न के लिए फसल विज्ञान और पोषण संबंधी सुरक्षा : कुल 3,979 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ. यह पहल किसानों को जलवायु लचीलेपन के लिए तैयार करेगी और 2047 तक खाद्य सुरक्षा प्रदान करेगी. इसके ये स्तंभ हैं:

  • अनुसंधान और शिक्षा
  • पादप आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन
  • खाद्य एवं चारा फसल के लिए आनुवंशिक सुधार
  • दलहन और तिलहन की फसल में सुधार
  • व्‍यावसायिक फसलों में सुधार
  • कीटों, सूक्ष्म जीवों, परागणकारकों आदि पर अनुसंधान।
  • कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करना: 2,291 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ यह उपाय कृषि छात्रों और शोधकर्ताओं को वर्तमान चुनौतियों के लिए तैयार करेगा और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:  
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत
  • कृषि अनुसंधान और शिक्षा का आधुनिकीकरण
  • नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप
  • नवीनतम तकनीक का उपयोग करें..डिजिटल डीपीआई, एआई, बिग डेटा, रिमोट, आदि
  •  प्राकृतिक खेती और जलवायु लचीलापन शामिल करें

4. पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन को बनाए रखना: 1,702 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ, इस निर्णय का उद्देश्य पशुधन और डेयरी से किसानों की आय बढ़ाना है. इसमें ये सब शामिल हैं

  • पशु स्वास्थ्य प्रबंधन और पशु चिकित्सा शिक्षा
  • डेयरी उत्पादन और प्रौद्योगिकी विकास
  • पशु आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन, उत्पादन और सुधार
  • पशु पोषण और जुगाली करने वाले छोटे पशुओं की वृद्धि और विस्‍तार

5. बागवानी का निरंतर विकास: 1129.30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ इस उपाय का उद्देश्य बागवानी पौधों से किसानों की आय बढ़ाना है. इसमें ये शामिल हैं

  • उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण बागवानी फसलें
  • जड़, कंद, कंदीय और शुष्क फसलें
  • सब्जी, फूलों की खेती और मशरूम की फसलें
  • बागान, मसाले, औषधीय और सुगंधित पौधे

6. 1,202 करोड़ रुपये के परिव्यय से कृषि विज्ञान केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण

7. 1,115 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन

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