Kisan Andolan: सरकार के खिलाफ एक बार फिर किसानों ने खोला मोर्चा, पेश किए ये 15 मांग

Kisan Andolan in MP: जबलपुर में किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने प्रदेश सरकार के सामने अपनी 15 मांगे रखी.

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Jabalpur News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर में भारतीय किसान संघ (BKS), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का अनुषांगिक संगठन, ने अपनी ही BJP सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संघ ने राज्य में सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया और अपनी 15 सूत्रीय मांगों की सूची सौंपी. संघ ने सोयाबीन की समर्थन मूल्य (Support Price of Soybean) वृद्धि से लेकर फसल बीमा योजना में सुधार तक कई मुद्दों को उठाया हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए सोयाबीन की खरीदी MSP पर करने का ऐलान किया था.

सरकार के सामने रखी ये मांग

  • भारतीय किसान संघ ने सरकार के सामने अपनी 18 सूत्रीय मांग रखी. इसमें उन्होंने लिखा:- 
  • सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 6000/- प्रति क्विंटल किया जाए और खरीदी को सुनिश्चित किया जाए
  • कृषि उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य प्रदान किया जाए
  • कृषि के लिए अलग बजट का प्रावधान हो
  • बलराम जयंती को किसान दिवस घोषित किया जाए
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार हेतु केन्द्रीय स्तर पर उच्च समिति का गठन हो, जिसमें भारतीय किसान संघ की भागीदारी हो
  • आयात-निर्यात नीति फसल उत्पादन और आवश्यकता के आधार पर तय की जाए
  • फसल खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता हो
  • मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाए
  • सभी जिलों में कृषि महाविद्यालय स्थापित हो
  • फसल में नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए 80% अनुदान दिया जाए
  • गौवंश आधारित जैविक खेती को प्रोत्साहन मिले
  • किसान हित में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना हो
  • दमोह जिले में चार सिंचाई योजनाएं पंचम नगर साजली सतधरू एवं सीता नगर स्वीकृत हुई थी, जिनका कार्य चार वर्ष पूर्व होना था, कागजों पर इनका कार्य पूर्ण होना बताया गया परंतु वास्तविक रूप से इन योजनाओं से किसानों को आज तक एक बूंद पानी प्राप्त नही हो रहा है, इन योजनाओं से किसानों को सिंचाई का लाभ आगामी रवी फसल में पहुंचाया जाए.
  • राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा किसानों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट सीमा हटाई जाए. ग्रामों में निवासरत किसानों को उद्योग व्यवसाय तथा गृह निर्माण हेतु ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए. 
  • ऋणी किसानों की जमीनों को बैंकों द्वारा बंधक बनाया जाता है, त्रऋण चुकता होने के बाद भी बैंकों द्वारा कई महीनों / वर्षों तक बंधन मुक्त नहीं करवाया जाता, तहसीलदार, एस.डी.एम. बहुत अधिक परेशान करते हैं. रिश्वत खाने का एक जरिया बन गया बैंकों द्वारा ऋण चुकता के बाद 3 दिन में ऐसे किसानों की जमीन बंधन मुक्त करने की.

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राज्यव्यापी आंदोलन की दी चेतावनी

भारतीय किसान संघ ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी. किसानों ने आंदोलन के दौरान चेतावनी देते हुए कहा कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए. अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो राज्यव्यापी आंदोलन की जाएगी.

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