Super Specialty Hospital: रीवा में एक दिन में दो सफल किडनी ट्रांसप्लांट, डिप्टी CM ने कहा- ऐतिहासिक उपलब्धि

Rewa Super Specialty Hospital: इसी साल अप्रैल में रीवा शहर में स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की नव निर्मित किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट में पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया था. 2023 में रीवा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट का उद्घाटन किया गया, तब कहा गया था कि अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए शहर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, वहीं अब एक ही दिन में दो सफल किडनी ट्रांसप्लांट करने की उपलब्धि दर्ज की गई है.

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Kidney Transplant in Rewa: मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री (Deputy CM MP Government) राजेन्द्र शुक्ल (Rajendra Shukla) ने सुपर स्पेशियेलिटी हॉस्पिटल रीवा (Super Specialty Hospital Rewa) में सफल दोहरे किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) के लिए पूरी मेडिकल टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदूर क्षेत्रों तक सशक्त और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह सफलता राज्य के हर हिस्से में सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं को विस्तार देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. रीवा में यह ऐतिहासिक उपलब्धि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने का कार्य करेगी.

गर्व का क्षण : डिप्टी सीएम

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार अंग प्रत्यारोपण जैसे जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक संसाधनों और विशेषज्ञता को हर मेडिकल संस्थान में सुलभ बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. उन्होंने इस उपलब्धि को रीवा और पूरे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण बताते हुए टीम की मेहनत और समर्पण की सराहना की.

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इन्होंने किया सफल ट्रांसप्लांट

सुपर स्पेशियेलिटी हॉस्पिटल, रीवा में ट्रांसप्लांट फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रोहन द्विवेदी और ट्रांसप्लांट सर्जन व यूरोलॉजिस्ट डॉ पुष्पेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में एक ही दिन में दो मरीजों का सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण किया गया. इनमें से एक महिला मरीज को उनकी माता द्वारा और एक पुरुष मरीज को उनके बड़े भाई द्वारा किडनी दान की गई. दोनों मरीज स्वस्थ हैं और 17 दिसंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. यूरोलॉजी विभाग के डॉ विवेक शर्मा, डॉ आशीष घनघोरिया, डॉ बृजेश तिवारी और डॉ विजय शुक्ला, निश्चेतना विभाग के डॉ आलोक प्रताप सिंह, डॉ सुभाष अग्रवाल, डॉ राजीव द्विवेदी, डॉ रवि प्रकाश सिंह और डॉ एलपी सिंह सहित ओटी और केटीयू स्टाफ ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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