कथा वाचक देविका पटेल को कथा करने से रोका, बोले- 'गैर-ब्राह्मण' नहीं कर सकते हैं कथा

Katha Wachak Devika Patel: विवाद के बाद कथावाचक देविका पटेल अब मंडला जिले के करिया गांव में अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखने जा रही हैं. कल से शुरू होने वाली इस भागवत कथा को लेकर देविका पटेल ने न केवल धर्म प्रचार के अपने संकल्प को दोहराया है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों को एकजुट होने का कड़ा संदेश भी दिया है.

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Katha Wachak Devika Patel News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) के पनागर में 'गैर-ब्राह्मण' होने का तर्क देकर कथा रुकवा दिया गया. कथा रुकवा देने वालों ने कहा कि तुम ब्राह्मण नहीं हो, इसलिए कथा नहीं कर सकतीं. दरअसल, बीते दिनों जबलपुर जिले के पनागर क्षेत्र में देविका पटेल की कथा के दौरान कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध दर्ज कराया था कि केवल ब्राह्मण ही भागवत कथा सुना सकते हैं. जातिगत आधार पर हुए इस विरोध के कारण कथा को बीच में ही रोकना पड़ा था.

वहीं, विरोध करने वालों को स्पष्ट संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हरि नाम का प्रचार करना किसी विशेष वर्ग की बपौती नहीं है. उन्होंने कहा कि कथा वाचन की योग्यता भगवान की कृपा से मिलती है. इसमें किसी का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है. धर्म का प्रचार करने का अधिकार हर नागरिक को है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि दोबारा उनकी कथा में इस तरह के व्यवधान पैदा किए जाते हैं, तो वे कानून का सहारा लेंगी. तमाम विवादों के बावजूद देविका पटेल के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी है. उन्होंने कहा है कि कल से मंडला के करिया गांव में विधि-विधान से कथा का शुभारंभ होगा. वहीं, इस आयोजन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और उनके समर्थकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है.

 देविका पटेल ने कथा जारी रखने का किया ऐलान

विवाद के बाद कथावाचक देविका पटेल अब मंडला जिले के करिया गांव में अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखने जा रही हैं. कल से शुरू होने वाली इस भागवत कथा को लेकर देविका पटेल ने न केवल धर्म प्रचार के अपने संकल्प को दोहराया है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों को एकजुट होने का कड़ा संदेश भी दिया है.

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देविका ने विरोधियों को दिया करारा जवाब

वहीं, मंडला पहुंचने पर देविका पटेल ने विरोधियों को करारा जवाब देते हुए समाज के पिछड़े और दलित वर्गों से संगठित होने का आह्वान किया. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि जो भी बिखरे हुए हैं. चाहे वे ओबीसी हों, एससी हों या एसटी, उन सभी से मैं यही कहती हूं कि आप एक हो जाइए. यह एक होने का वक्त है. अगर आप ऐसे ही बिखरे रहेंगे, तो कुछ भी नहीं हो सकता. एकता में बहुत बड़ी ताकत होती है और साथ रहकर ही हम बहुत कुछ कर सकते हैं. 

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