Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya: जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKVV Jabalpur) किसानों को उनके बीजों पर पेटेंट दिलाने में मदद कर रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक और वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी. विश्वविद्यालय में आयोजित हुई किसान संगोष्ठी और व्याख्यान कार्यक्रम में भारत सरकार के पीपीव्हीएफआरए (Protection of Plant Varieties and Farmers' Rights Authority) यानी पौध किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के रजिस्ट्रार जनरल डॉ दिनेश अग्रवाल ने बताया कि कैसे किसानों के लिए बीजों पर पेटेंट महत्वपूर्ण है और इसके द्वारा उनके अधिकारों की रक्षा की जा रही है.
किसानों को ऐसे लाभ दिला रहा है लाभ
डॉ अग्रवाल ने कहा, "पौधों की नई किस्में विकसित करने के लिए निरंतर अनुसंधान और उसमें निवेश बढ़ाना आवश्यक है. किसानों को इन नई किस्मों में रुचि लेने के लिए उनके अधिकारों की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है." उन्होंने यह भी बताया कि भारत नई पौध किस्मों को पंजीकृत करने के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है और जनेकृविवि ने अब तक 24 फसलों की 500 से अधिक किस्मों पर प्रजनक बीज अधिकार किसानों को प्रदान किए हैं.
जनेकृविवि के कुलपति डॉ प्रमोद कुमार मिश्रा और पीपीव्हीएफआरए के रजिस्ट्रार जनरल डॉ दिनेश अग्रवाल ने किसानों को ये प्रमाण पत्र सौंपे. इस संगोष्ठी को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों डॉ स्तुति शर्मा, डॉ अनीता बब्बर, डॉ रामकृष्ण और डॉ आशीष गुप्ता का विशेष सहयोग रहा.
संगोष्ठी के दौरान जनेकृविवि देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने 24 फसलों की 500 से अधिक किस्मों पर प्रजनक बीज अधिकार प्रमाण पत्र भारत सरकार से प्राप्त किए हैं. इस प्रयास से विश्वविद्यालय किसानों को उनके अधिकार दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
यह भी पढ़ें : अब कौन बिखेरेगा ऐसा हास्य रंग! प्रसिद्ध व्यंग्यकार साजन ग्वालियरी नहीं रहे, गड़बड़ रामायण से बनाई थी पहचान
यह भी पढ़ें : IND vs BAN: पहले T20 के लिए ग्वालियर में ऐसा है माहौल, मौसम से निपटने के लिए टीम तैयार
यह भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2024: दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, मंत्र से आरती तक सब कुछ जानिए यहां
यह भी पढ़ें : Liquor Mafia ने वन विभाग की टीम पर किया अटैक, जवाबी एक्शन में क्या हुआ? जानिए यहां