Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन (JJM) के तहत दावा किया गया कि हर घर में नल से शुद्ध जल पहुंचेगा लेकिन धरातल पर इस योजना की हकीकत इसके ठीक विपरीत नजर आती है. सतना (Satna) जिले की ज्यादातर पंचायतों में घरों तक जल नहीं पहुंच पा रहा है. जिन इलाकों में जल पहुंचा भी है वहां लोगों का पूरा दिन एक डिब्बा पानी भरने में ही खर्च हो जाता है. कुछ इसी तरह के हालात से इन दिनों मझगवां विकासखंड की ग्राम पंचायत पिंडरा (चौरहा) के लोग जूझ रहे हैं.
यहां ठेकेदार की ओर करोड़ों रुपए की लगात से पाइप लाइन और टंकी का निर्माण तो करवा दिया गया लेकिन पानी की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है. अब यहां भूजल स्तर और अवर्षा पर दोष मढ़कर अधिकारी पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. ज्यादातर घरों में न तो नलों की टोंटी से झर-झर पानी आ रहा है और न ही पाइप लाइन के लिए खोदी गईं सड़कें वापस सुधारी गई हैं. नतीजा आए दिन हादसों की खबरें आती रहती हैं.
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अधिकारियों को नजर नहीं आ रहीं दिक्कतें
मुसीबत सिर्फ इतनी नहीं है. बिना टोंटी के पाइप से लगातार बहता पानी गांव की गलियों को कीचड़ में बदल रहा है. इस योजना का ज्यादातर हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. ऐसा भी नहीं है कि इसकी शिकायतें नहीं हो रही हैं लेकिन जिम्मेदारों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. एक तरफ लोग सड़कों पर गिर रहे हैं, घरों में पानी नहीं आ रही है, खुली टोटियों से गांव में कीचड़ हो रहा है, आधे से ज्यादा कनेक्शन बंद पड़े हैं, स्टैंड पोस्ट का पैसा खा लिया गया है. वहीं दूसरी तरफ पीएचई के अधिकारियों की नजर में सब कुछ ठीक चल रहा है. पीएचई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 3 विकासखंड सोहावल, नागौद और मझगवां में 220 में 90 से अधिक नल जल योजनाएं पूरी हो चुकी हैं.
खुदी पड़ी हैं गांव की सड़कें
जिला मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत सोहावल और सोहौला में जल जीवन मिशन के तहत लगभग ढाई करोड़ रुपए का काम मंजूर हुआ था. यह ठेका संतोष चौरसिया नाम के ठेकेदार को मिला था. उसने सिर्फ कागजों में काम पूरा किया है. जमीन पर हकीकत यह है कि गांव के किसी भी घर में टोंटी नहीं लगी है और न ही स्टैंड पोस्ट बनाए गए हैं. गांव की सड़कें खोद डाली गई हैं जिन्हें दुरुस्त करने के लिए 68 लाख रुपए का प्रावधान था लेकिन रेस्टोरेशन का एक भी काम नहीं हुआ है. टोंटी न लगने से सड़कों और घरों के सामने कीचड़ की स्थिति बनी हुई है. खुदी हुई सड़क आए दिन दुर्घटना का कारण बनती है.
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अल्टरनेट व्यवस्था की जा रही
पीएचई विभाग के एसडीओ आरके त्रिपाठी ने कहा कि पिंडरा पंचायत के चौरहा में पानी की टंकी पूरी भर नहीं पा रही है. बूस्टिंग के लिए चार बोर भी कराए, तब भी हर जगह पानी नहीं पहुंच रहा. इसका कारण यह है कि जैसे ही बोर चालू करते हैं अन्य जगहों के लोग वॉल खोल लेते हैं. एक कर्मचारी कहां तक निगरानी करेगा? उन्होंने कहा, 'हमने अल्टरनेट पानी देने के लिए प्लान बनाया लेकिन पंचायत की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा.'