Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) से पुलिस (MP Police) की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आ रहा है. जबलपुर सेंट्रल जेल का एक बंदी जो अपने इलाज के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भर्ती था हथकड़ी छुड़ाकर भाग गया पुलिस इसकी तलाश के रही है.
अस्पताल में इलाज के लिए था भर्ती
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि यह बंदी मुईन बबलू बुरी तरह जली हालत में सिहोरा से नर्मदापुरम से लाया गया था. गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती किया गया था. अब इसकी हालत सुधर गई थी और उसके शरीर के फफोले भी ठीक हो गए थे. बताया जा रहा था की मुईन बबलू चलने फिरने में समर्थ था और पैरालिसिस का शिकार लगता था, लेकिन ऐसा लगता है कि यह पैरालिसिस की एक्टिंग कर रहा था. प्रत्यक्षदर्शी अन्य मरीज ने बताया है कि यह भागते समय आसानी से भाग गया. इस बंदी की सुरक्षा में लगे एक प्रहरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
एक महीने से भर्ती था अस्पताल में
नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल अस्पताल में मुईन बबलू एक महीने से भर्ती था. जिसके शरीर में छाले थे और 6 माह से लकवा की एक्टिंग कर रहा था. जो बुधवार की सुबह साढ़े चार बजे अपने बेटे के साथ मेडिकल अस्पताल से फरार हो गया. घटना की जानकारी लगते ही पुलिस कर्मी कैदी की तलाश करते रहे. आईसीयू में भर्ती मुईन बबलू हथकड़ी से हाथ खिसका कर उस समय फरार हो गया जब उसकी सुरक्षा में बोनात पुलिस भी नींद में थे.
कैदी को सबसे पहले 19 नंबर वार्ड में भर्ती कराया
कैदी को सबसे पहले 19 नंबर वार्ड में भर्ती कराया गया था. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद पैरालिसिस की शिकायत होने पर उसे मेडिसिन इस आईसीयू विभाग में शिफ्ट किया गया, लेकिन ये कैदी अपने बेटे के साथ पुलिसकर्मी को चकमा देकर फरार हो गया. इस घटना के बाद मेडिकल अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड और कैदी की देखरेख में तैनात पुलिसकर्मी उसे तलाशन के लिए पूरे मेडिकल परिसर में घूमे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका.
पैरालिसिस शिकार कैदी दौड़कर भागा?
मुईन बबलू को एक शरीर के हिस्से में पैरालिसिस की शिकायत थी. इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था. वो चलने फिरने में भी असमर्थ दिख रहा था, बिना सहारे चल भी नहीं पाता था. भागते समय प्रत्यक्षदर्शियों ने देखा कि कैदी हथकड़ी तोड़कर दौड़ लगाकर मेडिकल से बाहर हो गया.
मेडिकल जांच में कैसे आया पैरालिसिस
अब यह आशंका है की डॉक्टर के गलत परीक्षण के कारण कैदी फरार होने में कामयाब हुआ है, हो सकता है कैदी को पैरालिसिस बीमारी ना हो वह भागने की योजना बनाकर इसका नाटक कर रहा हो.