MP News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) जिले समेत राज्य भर में इस साल धान खरीदी का कार्य 2 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. वहीं जबलपुर में धान खरीदी की तैयारियां भी जोरों पर हैं. इसके लिए 86 केंद्र बनाए गए हैं. इस बार धान विक्रय के लिए 55,000 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. पिछले वर्ष खरीदी प्रक्रिया में आई गड़बड़ियों को रोकने और किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कई व्यापक कदम उठाए हैं.
इस बार धान खरीदी की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की जगह नागरिक आपूर्ति निगम (नान) को सौंपी गई है. दरअसल, पिछले वर्ष हुए धान खरीदी घोटाले में मार्कफेड की भूमिका पर सवाल उठने के बाद शासन ने यह फैसला लिया है.
धान खरीदी को लेकर जोरों पर तैयारियां
किसान पंजीयन की प्रक्रिया: सभी किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन करना अनिवार्य है. पिछले वर्ष पंजीकृत किसानों को इस वर्ष स्वतः पंजीकृत माना गया है. उनकी भूमि और फसल से संबंधित रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए राजस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं. यह प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध है.
गड़बड़ियों पर नियंत्रण: पिछले वर्ष की अनियमितताओं को देखते हुए प्रशासन ने संवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान परिवहन रोकने के लिए 16 चेकपोस्ट पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अतिरिक्त, विशेष जांच दल का गठन भी किया गया है.
उपार्जन केंद्रों का प्रबंधन: सभी केंद्रों पर भंडारण व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है. धान के सुरक्षित रख-रखाव के लिए मानक स्टैकिंग और जल निकासी की सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं. इसके अलावा किसी भी तकनीकी समस्या के समाधान के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है.
समर्थन मूल्य और खरीदी अवधि: किसानों को उचित समर्थन मूल्य देने और धान खरीदी प्रक्रिया को 14 नवंबर से शुरू करने की योजना है. प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं.
शिकायत निवारण: किसानों की शिकायतों को तेजी से सुलझाने और खरीदी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए हेल्पडेस्क और संबंधित अधिकारियों की व्यवस्था की गई है.
इन तैयारियों का उद्देश्य किसानों को पारदर्शी और कुशल प्रणाली के माध्यम से अपनी फसल बेचने की सुविधा प्रदान करना है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह व्यापक तैयारी सुनिश्चित करेगी कि जबलपुर जिले के किसान बिना किसी बाधा के अपनी फसल का विक्रय कर सकें.
ये भी पढ़े: ये है भारत के सबसे सुंदर गांव, विदेशी भी हैं इसके दीवाने... जन्नत जैसा होता है एहसास