OBC युवक से पैर धुलवाने वाले मामले में NSA के तहत बुक हुए पांच आरोपी, सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

MP High Court: NSA के तहत बुक पांचों आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने ओबीसी वर्ग के युवक को पैर धोने और गंदा पानी पीने के लिए मजूबर किया था. मामले का एक वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने एनएसए के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था.  

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Satariya Case: मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को दमोह घटना से जुड़े मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच को बताया कि सभी पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस ए के सिंह की युगलपीठ को यह जानकारी मुहैया करवाई.

NSA के तहत बुक पांचों आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने ओबीसी वर्ग के युवक को पैर धोने और गंदा पानी पीने के लिए मजूबर किया था. मामले का एक वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा, जिसके बाद हाईकोर्ट ने एनएसए के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था.  

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अन्नू पांडे समेत पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई

गौरतलब है दमोह जिले में सतरिया मंदिर में एक ओबीसी वर्ग के युवक को पुरोहित का पैर धोने और गंदा पीने के लिए मजबूर करने वाला एक वीडियो सामने आया था. इस घटना के बाद मुख्य आरोपी अन्नू पांडे समेत पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है. बुधवार को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी है.

स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के आदेश दिए

रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम सतरिया में मंदिर के अंदर हुए घटनाक्रम के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के आदेश दिए थे. कोर्ट ने दमोह कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से 16 अक्टूबर की शाम तक हलफनामे सहित विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.

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सरकार ने बताया कि एसपी दमोह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल हुए और सभी 5 लोगों पर NSA के तहत कार्रवाई की गई है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को घटना से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं.

सतरिया प्रकरण को लेकर हाई कोर्ट की अगली सुनवाई आगामी 17 अक्टूबर को होगी

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि “मध्यप्रदेश में बार-बार होने वाली जातिगत हिंसा और भेदभावपूर्ण घटनाएं स्तब्ध करने वाली हैं. अगर इस पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो समाज में गहरी विभाजन रेखा बन जाएगी. सतरिया प्रकरण को लेकर हाई कोर्ट की अगली सुनवाई आगामी 17 अक्टूबर को होगी.

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