Madhya Pradesh Crime News: जबलपुर में कानून के रखवालों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं. सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल के प्रहरी मोहन कुमार इन दिनों हिस्ट्रीशीटर बदमाश की धमकियों और आतंक से परेशान हैं. जेल प्रहरी इस कदर परेशान है कि वो अपने सपनों का घर बेचने को मजबूर हो गया है. प्रहरी ने अफसरों के चक्कर काटे, शिकायतें भी कीं, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे मोहन कुमार का पूरा परिवार खौफ के साये में जीने को मजबूर है. वहीं हनुमान ताल थाने में शिकायत करने पर पुलिस उन्हें हिस्ट्रीशीटर से समझौता करने की सलाह दे दी है.
2 साल से जारी है आतंक का सिलसिला
प्रहरी मोहन कुमार ने दो साल पहले खेरमाई मंदिर के पीछे एक मकान खरीदा था. कुछ महीने तक सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन जल्द ही पड़ोसी हिमांशु कोरी की बुरी नजर घर पर पड़ गई. मोहन कुमार का आरोप है कि हिस्ट्रीशीटर हिमांशु घर खाली करने की धमकी देना शुरू कर दिया. जब उन्होंने इनकार किया तो बदमाश ने अपने गुर्गों को पीछे लगा दिया.
गुंडों की पहरेदारी से परिवार दहशत में
मोहन कुमार का कहना है कि हर दिन बदमाश के गुर्गे घर के बाहर मंडराते हैं. रात में दरवाजा खटखटाते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं. प्रहरी ने हनुमानताल थाने में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कार्रवाई के बजाय अपराधी और ज्यादा बेलगाम हो गए. हालत यह है कि अब मोहन कुमार परिवार की सुरक्षा के लिए शहर छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
50 से ज्यादा मामलों का हिस्ट्रीशीटर, फिर भी बेखौफ
हिमांशु कोरी पर हत्या, लूट, अवैध हथियारों की तस्करी सहित 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. हाल ही में अवैध हथियार के मामले में जेल से छूटकर आया है. इसके बावजूद पुलिस की लापरवाही ने जेल प्रहरी को असहाय बना दिया है.
कानून के रखवालों की सुरक्षा पर सवाल
जिन हाथों में कानून की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, जब वही असुरक्षित हैं तो आम जनता का क्या होगा? यह मामला पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है. मोहन कुमार ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है, ताकि उनके परिवार को इस दहशत से मुक्ति मिल सके. अब देखना होगा कि पुलिस अपने ही सिपाही को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाती है, या फिर एक और परिवार को अपराधियों के डर के साये में जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि जल्द ही कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी और प्रहरी को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी. जिन पुलिस वालों ने उसे समझौता करने की सलाह दी है उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़े: Women's Day 2025: 8 मार्च को क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस? जानें इतिहास और थीम?