Rani Durgavati University: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) के कुलपति पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) करेगा. यह आदेश जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सोमवार को एक महिला कर्मचारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. कोर्ट ने मध्यप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि वे तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक एसआईटी गठित करें, जिसमें एक महिला अधिकारी अनिवार्य रूप से हो और टीम का नेतृत्व आईजी रैंक का अधिकारी करे. यह टीम तीन दिन के भीतर गठित की जानी है.
क्या है मामला
आरडीवीवी की एक महिला कर्मचारी ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. मामले में सुप्रीम कोर्ट के विशाखा बनाम राजस्थान राज्य (1997) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन कोर्ट में पेश रिपोर्टों में गंभीर खामियां पाई गईं. सबसे अहम यह कि घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज न तो सुरक्षित रखा गया और न ही जांच समिति ने उसे जुटाने का प्रयास किया.
कलेक्टर भी असंतुष्ट
हाईकोर्ट के निर्देश पर जबलपुर कलेक्टर ने छह सदस्यीय समिति बनाकर जांच कराई थी, लेकिन कलेक्टर ने शपथपत्र देकर कोर्ट को अवगत कराया कि वह समिति की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने रिपोर्ट को अपर्याप्त और संदिग्ध बताया.
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कोर्ट ने उठाया संदेह
न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने टिप्पणी की कि जांच की लापरवाही से यह संदेह होता है कि अधिकारी आरडीवीवी प्रशासन के प्रभाव में हैं. पीड़िता के वकील ने कोर्ट में यह भी कहा कि कुलपति के राजनीतिक संबंध बहुत मजबूत हैं और जांच रिपोर्टों को प्रभावित किया गया है.
कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर है और अब तक की जांच निष्पक्ष नहीं रही है. न्याय के हित में स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच आवश्यक है.
अब आगे क्या?
एसआईटी को 3 दिनों के भीतर गठित कर लेना होगा और वह 16 जून 2025 से पहले अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. पुरानी सभी रिपोर्टें एसआईटी को सौंपी जाएंगी, ताकि वह समग्र रूप से जांच कर सके.