Jabalpur High Court: कांग्रेस विधायक मसूद को नहीं मिली एमपी हाईकोर्ट से राहत, सुप्रीम कोर्ट के पास अटका मामला

MP High Court: एमपी हाईकोर्ट के जबलपुर बेंच में चुनाव याचिका की सुनवाई टल गई है. कांग्रेस विधायक मसूद से जुड़े मामले में कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली है. अब ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 

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Arif Masood Case: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका

MLA Masood Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) को उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका के संदर्भ में गवाहों की सूची प्रस्तुत करने की अंतिम मोहलत दी थी. सोमवार को हाईकोर्ट में प्रकरण की सुनवाई के दौरान अवगत कराया गया कि हाईकोर्ट ने पक्ष प्रस्तुत करने और गवाहों की सूची प्रस्तुत करने अधिक समय न दिए जाने के विरुद्ध मसूद ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर दी है. हाईकोर्ट ने इस जानकारी को रिकार्ड पर लेते हुए चुनाव याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक टाल दी है. 

इस मामले में कोर्ट में फसे हैं विधायक आरिफ मसूद

भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए पराजित भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी. उनका आरोप था कि एसबीआई, अशोक नगर शाखा से आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम लोन है. जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं किया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हाईकोर्ट लोन संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रहा है. कोर्ट ने तत्कालीन बैंक मैनेजर को गवाही और प्रतिपरीक्षण के लिए तलब किया गया था. तत्कालीन मैनेजर ने हाईकोर्ट को बताया था कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी सहित 40 खाताधारकों के नाम पर बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से एक गिरोह ने धोखाधड़ी से लोन स्वीकृत कराए थे, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. 

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बैंक मैनेजर ने दिया ये बयान

बैंक मैनेजर ने इस मामले में अपने बयान में कहा था कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर लोन की प्रविष्टि बैंक रिकार्ड में नहीं है और खाते को एनपीए कर दिया गया है. बैंक मैनेजर ने बताया था कि उन्हें भ्रमित कर उनसे रिकवरी लेटर पर हस्ताक्षर कराए गए थे. बैंक ने अधिकृत तौर पर कांग्रेस विधायक और उनकी पत्नी को रिकवरी लेटर जारी नहीं किया है. विधायक मसूद की ओर से चुनाव याचिका पर सुनवाई बंद किए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था. हाई कोर्ट ने आवेदन निरस्त करते हुए अपने आदेश में कहा था कि दस्तावेज फर्जी व कूटरचित नहीं है. दस्तावेजों की गुण-दोष के आधार पर समीक्षा की जाएगी. 

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