Jabalpur में 122 डॉक्टर चेम्बर, क्लीनिक और 4 प्राइवेट अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द, स्वास्थ्य विभाग ने इसलिए की ये कार्रवाई 

MP News: जबलपुर शहर में 156 अस्पताल पंजीकृत थे. इनका पंजीकरण का प्रत्येक तीन वर्ष में नवीनीकरण होता है. नवीनीकरण के लिए अस्पतालों को विभिन्न दस्तावेज CHMO कार्यालय को 31 मार्च के पहले उपलब्ध कराने के लिए इस साल 38 निजी अस्पतालों के पंजीयन का नवीनीकरण देय था. 

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Madhya pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 122 डॉक्टर चैंबर और क्लीनिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टरो का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. इन क्लीनिकों ने 31 मार्च 2024 तक अपना 3 वार्षिक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन नहीं किया था. कुछ के आवेदन में अनिवार्य अहर्ताएं पूर्ण नहीं की गई थी.

इसलिए हुआ निरस्त

CHMO डॉ संजय मिश्रा में NDTV को बताया कि जिले में चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले सभी हॉस्पिटल और क्लिनिकों को 3 वर्षीय रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है. कुछ लोग जो लेट रजिस्ट्रेशन करते हैं, उनकी समय अवधि कम हो जाती है. लेकिन 31 मार्च तक सभी को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य है. जिन लोगों ने 31 मार्च तक आवेदन कर दिया है और अनिवार्य दस्तावेज जमा कर दिए हैं, उन्हें स्वीकृति प्रदान कर दी गई है और वे लाइसेंस भी प्राप्त कर सकेंगे. लेकिन जिन अस्पतालों और क्लीनिकों में अभी तक पंजीयन हेतु आवेदन नहीं किया है, उनके पंजीयन 31 मार्च को स्वतः ही निरस्त हो गए हैं.

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अभी भी कर सकते हैं पंजीयन 

क्लीनिक और अस्पताल अभी पंजीयन कर सकते हैं कुछ दिनों तक पोर्टल में अपनी दस्तावेज अपलोड कर आवेदन जमा करने पर यदि दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो एक बार पुनः उनका पंजीयन कर लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। बिना लाइसेंस के क्लीनिक और हॉस्पिटल चलाना मध्य प्रदेश रुजोपचार्य गृह एवं रुजोपचार्य संबंधी स्थापना अधिनियम 1973 की धारा  नियम 1997 के अनुसार अवैध व्यापार की श्रेणी में आता है. इसलिए सभी अस्पताल और क्लिनिक को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है

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इन प्राइवेट हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन हुआ रद्द

जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि आदित्य सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (Aditya Super Specialty Hospital) का आवेदन पेंडिंग है बाकी 4 के लाइसेंस निरस्त किये गए हैं. इनमें आकांक्षा हॉस्पिटल, ग्रोवर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल, स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल का पंजीयन रद्द करना शामिल है.  इन अस्पतालों को चलाने के लिए जरूरी दस्तावेज न होने और अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए पर्याप्त उपाय न होने पर पंजीयन रद्द किया गया है. अब यह 4 अस्पताल नए मरीजों को भर्ती नहीं कर सकेंगे और जो इलाजरत मरीज हैं, उनको भी डिस्चार्ज करना होगा.  

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33 अस्पतालों ने सभी दस्तावेज जमा किए 

CHMO कार्यालय से इन पांच अस्पतालों के पंजीकरण को निरस्त होने की सूचना दी गई थी. लेकिन बाद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक अस्पताल अभी पेंडिंग की लिस्ट में है.  अलग- अलग कारणों से रजिस्ट्रेशन समाप्त करने की कार्रवाई की गई है. कब तक ये अस्पताल को मरीज के इलाज के बाद डिस्चार्ज कर देंगे इसकी लिखित सूचना CMHO कार्यालय में देनी होगी. जबलपुर शहर में 156 अस्पताल पंजीकृत थे. इनका पंजीकरण का प्रत्येक तीन वर्ष में नवीनीकरण होता है. नवीनीकरण के लिए अस्पतालों को विभिन्न दस्तावेज CHMO कार्यालय को 31 मार्च के पहले उपलब्ध कराने के लिए इस साल 38 निजी अस्पतालों के पंजीयन का नवीनीकरण देय था. इनमें 33 अस्पतालों ने सभी दस्तावेज जमा किए हैं. बाकी 4 का पंजीयन समाप्त किया गया है. एक को पेंडिंग लिस्ट में रखा गया है. 

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