Fake death certificates: मध्यप्रदेश की जबलपुर (Jabalpur) पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने ज़िंदा लोगों के फर्जी डेथ सर्टिफिकेट (Death certificate)बनवाकर नगर निगम से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं की सहायता राशि हड़प लेता था. इस गिरोह ने अभी तक लगभग 40 लोगों के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर करोड़ों रुपए की हेरा-फेरी की है पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है. माना जा रहा है यह संख्या अभी और भी ज्यादा बढ़ सकती है.
ऐसे हुआ खुलासा
जबलपुर की रहने वाली सैयदा रिजवाना रिजवी ने थाने में शिकायत की कि वर्ष 2020 में उसने शहजाद नाम के व्यक्ति से अपना मजदूरी कार्ड बनवाया था. शहजाद ने उससे कार्ड बनवाने के लिए अपने दस्तावेज एवं 5000 रुपये देने को कहा. उसने दस्तावेज में आईडी, परिवार एवं स्वयं का आधारकार्ड एवं सभी की पासपोर्ट फोटो दे दी. लगभग 06 महीने के बाद 2021 में शहजाद की दुकान पर पता किया तो कार्ड बन गया था, जो शहजाद ने उसे दे दिया था. कुछ दिन पहले उसे मोहल्ले के लोगों से सुनने में आया कि शहजाद द्वारा लोगों के मजदूरी कार्ड का गलत उपयोग कर सरकारी योजना का पैसा निकाला जा रहा है. तब उसे संदेह हुआ कि शहजाद मजदूरी कार्ड का गलत उपयोग कर रहा है. उसने नगर निगम में जाकर पता किया तो उसे पता चला कि उसके मजदूरी कार्ड से उसका मृत्यु प्रमाण लगाकर पैसा निकाला गया है. शहजाद ने उसके जीवित होते हुए मृत बताकर उसके दस्तावेजो और मजदूरी कार्ड का गलत उपयोग कर उसके नाम से पैसे लेकर धोखाधड़ी की है.
बैंक, निगम कर्मी भी शामिल होंगे
नगर निगम व बैंक से जानकारी प्राप्त की गई. योजना में आवेदन के साथ लगे दस्तावेज यूनियन बैंक के खाता संख्या की जानकारी प्राप्त की गई तो खाता आकिब रफीक के नाम से पाया गया और खाते में एमपी बिल्डिंग हैदराबाद इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सेल से दिनांक 08/08/22 को 6000/- और 13/10/22 को 2 लाख रुपये की जानकारी मिली. इस बड़े फर्जीवाड़े में नगर निगम के कर्मचारी और बैंक के कर्मचारी भी इस मिलीभगत में शामिल हो सकते हैं. अभी पुलिस ने शेख शहजाद और आकिब रफीक के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया.
कार्रवाई की जा रही है
जबलपुर के SPआदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी शेख शहजाद को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई. आरोपी शेख शहजाद ने दस्तावेज लेकर अपने मित्र आकिब रफीक से आधार कार्ड व बैंक पासबुक में एडिटिंग कर मित्र मोहम्मद सद्दाम शेख उर्फ सलमान को देकर नगर निगम कार्यालय में जमा करवाने का काम करता था. दस्तावेज और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के माध्यम से शासकीय सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत अनुग्रह राशि का 02 लाख रूपये और अंत्येष्टि सहायता राशि 06 हजार रुपये का प्राप्त करना स्वीकार किया है. आरोपियों के कब्जे से 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जब्त किए गए हैं. तीनों से पूछताछ की जा रही है. अभी तक की पूछताछ पर 30 से अधिक जीवित व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर शासकीय योजना में मिलने वाली सहायता राशि का लाभ लेते हुए लगभग एक करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करना पाया गया है.
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