New Fraud Case:फिर सुर्खियों में पूर्व पादरी डॉ. पीसी सिंह, ढाई करोड़ के नए फर्जीवाड़े में जुड़ा नाम

Former Bishop Dr. PC Singh: कई संगीन आर्थिक अपराधों में शामिल डायोसिस जबलपुर के पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह पर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने कटनी जिले में एनडीटीए ट्रस्ट की जमीन के मुआवजे में लगभग ढाई करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े में नया केस दर्ज किया है. 

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EOW registered new fraud case against Former Bishop Jabalpur Diocese Dr. PC Singh

EOW: जबलपुर डायोसिस के पूर्व पादरी डा. पीसी सिंह फिर सुर्खियों में हैं. पूर्व बिशप पीसी सिंह पर चर्च की संपत्तियों में हेराफेरी और अकूत धन-संपत्ति अर्जित करने के मामलों में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने गुरुवार को एक नया केस दर्ज किया है. ताजा मामला एनडीटीए ट्रस्ट की जमीन के मुआवजे में लगभग ढाई करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का है.

कई संगीन आर्थिक अपराधों में शामिल डायोसिस जबलपुर के पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह पर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने कटनी जिले में एनडीटीए ट्रस्ट की जमीन के मुआवजे में लगभग ढाई करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े में नया केस दर्ज किया है. 

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मुआवजे की राशि ट्रस्ट के बजाय फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दी गई

गौरतलब है रेलवे विभाग ने साल 2022 में एनडीटीए ट्रस्ट के बार्लेय स्कूल की 2300 वर्गफीट जमीन अधिग्रहित की थी, जिसके बदले ट्रस्ट को 2 करोड़ 45 लाख 30 हजार रुपए का मुआवजा मिला, लेकिन यह पूरी राशि एनडीटीए ट्रस्ट के आधिकारिक खाते में न जमा होकर फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दी गई. 

ट्रस्ट के चेयरमैन की मिलीभगत से ढाई करोड़ की राशि का गबन

ईओडब्ल्यू जबलपुर की जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपी बनाए गए पीसी सिंह ने एनडीटीए ट्रस्ट के चेयरमैन पॉल दुपारे की मिलीभगत से पूरी राशि गबन कर दी और ट्रस्ट को उसका लाभ नहीं मिला. इस पर अब धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया गया है.

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पूर्व पादरी डा. पीसी सिंह के खिलाफ ढाई करोड़ के फर्जीवाड़े का नया मामला सामने आने के बाद ईओडब्ल्यू की टीम मामले से जुड़ी वित्तीय लेन-देन और सभी खातों की जांच में जुट गई है. संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं.

क्या है एनडीटीए ट्रस्ट?

एनडीटीए (नॉर्थ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन) ट्रस्ट एक चर्च-संबद्ध संस्था है, जो शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत है. इसकी संपत्तियों और आय के संचालन में पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह की भूमिका पहले से ही विवादों में रही है. ताजा घोटाले में ट्रस्ट के चेयरमैन पॉल दुपारे का नाम भी शामिल है.

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जानें पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह का आपराधिक इतिहास

बिशप पीसी सिंह का नाम पहले भी कई संगीन आर्थिक अपराधों से जुड़ चुका है. सितंबर 2022 में ईओडब्ल्यू ने उनके जबलपुर स्थित बंगले में छापा मारा था, जहाँ से 1.60 करोड़ रुपए नकद, कई बैंक अकाउंट की पासबुक, और 26 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए थे.

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ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार पूर्व पादरी डा. पीसी सिंह के खिलाफ अब तक 50 करोड़ से अधिक की आर्थिक अनियमितताओं की जांच चल रही है और हर नए खुलासे के साथ पूर्व बिशप की भूमिका और गहरी होती जा रही है.

छात्रवृत्ति घोटाले में आ चुका है डा. पीसी सिंह का नाम

छात्रवृत्ति घोटाले में भी डा. पीसी सिंह पर आरोप लगे हैं. यह मामला चर्च द्वारा संचालित स्कूलों में छात्रों के नाम पर सरकारी अनुदान लेने और फिर उसका दुरुपयोग करने का था. चर्च की संपत्तियों को निजी लाभ के लिए बेचने, किराए पर देने और ट्रस्ट फंड्स में गड़बड़ी के मामले पहले से ही जांच में हैं.

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ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार, पीसी सिंह के खिलाफ अब तक 50 करोड़ से अधिक की आर्थिक अनियमितताओं की जांच चल रही है, और हर नए खुलासे के साथ उनकी भूमिका और गहरी होती जा रही है. एनडीटीए ट्रस्ट के मुआवजे में ढाई करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े ने पूर्व बिशप डा. पीसी सिंह की मुश्किल बढ़ गई है.

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