Know Your Officer: जबलपुर कलेक्टर को जनसंपर्क विभाग की कमान, जानिए क्यों खास हैं दीपक सक्सेना

Deepak Saxena: दीपक सक्सेना ने परंपरागत व्यवस्था में भी कई सुधार किए. उन्होंने सैकड़ों वर्षों पुराने राजस्व रिकॉर्ड को सुरक्षित और डिजिटल स्वरूप में संरक्षित करने के लिए आधुनिक एयरकंडीशन रिकॉर्ड रूम की स्थापना की. यह पहल पूरे प्रदेश में एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है.

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Know Your Officer: जबलपुर कलेक्टर को जनसंपर्क विभाग की कमान, जानिए क्यों खास हैं दीपक सक्सेना

Know Your Officer: मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की प्रशासनिक सर्जरी में बड़ा बदलाव सामने आया है. जबलपुर के कलेक्टर (Jabalpur Collector) दीपक सक्सेना (Deepak Saxena) को अब भोपाल में आयुक्त जनसंपर्क की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जनसंपर्क आयुक्त (Commissioner Public Relations) का पद न सिर्फ सरकार और जनता के बीच संवाद का मुख्य माध्यम होता है, बल्कि इसे मुख्यमंत्री का सबसे भरोसेमंद पद भी माना जाता है. इस नियुक्ति को लेकर माना जा रहा है कि दीपक सक्सेना को उनकी कार्यशैली, पारदर्शिता और सख्त प्रशासनिक रवैये का इनाम मिला है.

“एफआईआर वाले कलेक्टर” के नाम से लोकप्रिय

जबलपुर में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान दीपक सक्सेना ने प्रशासनिक तंत्र को हिला देने वाले कदम उठाए. वे जनता के बीच “एफआईआर वाले कलेक्टर” के नाम से पहचाने जाने लगे. उनके कार्यकाल में 80 से अधिक एफआईआर दर्ज कराई गईं, जिनमें 400 से ज्यादा सरकारी अफसर, कर्मचारी और घोटालेबाज शामिल थे.

घोटालों का पर्दाफाश और जनता को राहत

दीपक सक्सेना ने जबलपुर में कई बड़े घोटालों की परतें खोलीं. इनमें स्कूल घोटाला, धान,घोटाला, फर्टिलाइजर घोटाला और जमीन से जुड़े विवादित घोटाले, वेयरहाउस घोटाला, धान मिलिंग एवं ट्रांसपोर्ट घोटाला प्रमुख थे. इन मामलों में सख्त कार्रवाई करते हुए उन्होंने न केवल आरोपियों पर शिकंजा कसा, बल्कि आम नागरिकों को राहत भी दिलाई.

एनडीटीवी की खबरों पर तुरंत संज्ञान लेने वाले इस अधिकारी ने हाल ही में NDTV में उजागर हुए मूंग घोटाले और राशन घोटाले पर भी कड़ी कार्रवाई की. दोनों मामलों में उन्होंने 10-10 एफआईआर दर्ज करवाईं. उनकी इस सक्रियता ने स्पष्ट कर दिया कि वे मीडिया की सच्ची रिपोर्टिंग को गंभीरता से लेते हैं और उसे ठोस कार्रवाई में बदलने की क्षमता रखते हैं.

दीपक सक्सेना ने परंपरागत व्यवस्था में भी कई सुधार किए. उन्होंने सैकड़ों वर्षों पुराने राजस्व रिकॉर्ड को सुरक्षित और डिजिटल स्वरूप में संरक्षित करने के लिए आधुनिक एयरकंडीशन रिकॉर्ड रूम की स्थापना की. यह पहल पूरे प्रदेश में एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है. इसी तरह, फर्टिलाइजर वितरण की टोकन प्रणाली को इतना प्रभावी बनाया गया कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों से कहा था कि वे जबलपुर की इस व्यवस्था से सीखें.

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नई भूमिका में बड़ी जिम्मेदारी

अब, जब दीपक सक्सेना को आयुक्त जनसंपर्क बनाया गया है, तो उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी ईमानदारी और कार्यकुशलता से इस महत्वपूर्ण पद की गरिमा को और ऊंचा उठाएंगे. सरकार का संदेश साफ है कि पारदर्शिता और सख्त प्रशासन को ही प्राथमिकता दी जाएगी.

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