Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया का दिन हिंदू मान्यता के अनुसार बहुत ही शुभ दिन माना जाता है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे कर लिया जाता है. लेकिन 23 सालों के बाद इस साल अक्षय तृतीया के दिन विवाह कार्य नहीं होंगे. पंडित- ज्योतिष शिवम आचार्य ने NDTV को बताया कि इस वर्ष गुरु और शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर विवाह संपन्न नहीं हो सकेंगे.
पौराणिक मान्यताओं में है विशेष महत्व
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहा जाता है पौराणिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका अक्षय निरंतर फल मिलता है. इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन बिना पंचांग देखें कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह गृह प्रवेश वस्त्र आभूषणों की खरीदी वाहन खरीदी आदि सभी शुभ कार्य किए जाते हैं. इस दिन सोने चांदी से जुड़ी हुई खरीदारी को भी बहुत ही शुभ माना जाता है.
तर्पण का है महत्व
पुराणों के अनुसार इस दिन पितरों का किया गया तर्पण तथा पिंडदान और किसी भी प्रकार के किए गए दान को अक्षय फल देने करने वाला बताया गया है. पंडित शिवम आचार्य बताते हैं कि बुजुर्गों का आशीर्वाद निरंतर मिलता रहना चाहिए, जब वह इस काया शरीर को छोड़ कर चले जाते हैं उसके बाद यदि अक्षय तृतीया को तर्पण किया जाता है तो उनका आशीर्वाद संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है
इस वर्ष क्या है मुहूर्त
इस साल अक्षय तृतीया का त्यौहार आज 10 मई शुक्रवार को सुबह 4:17 से शुरू हो गया है. इस तृतीया तिथि का समापन 11 मई को सुबह 2:50 पर होगा इस वर्ष विवाह मुहूर्त ना होने से विवाह नहीं होंगे. लेकिन अन्य शुभ कार्य जैसे सोने चांदी की खरीदी गृह प्रवेश आदि इस शुभ मुहूर्त में संपन्न किए जाएंगे.
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विवाह से जुड़े व्यापार में बड़ा असर
एक अनुमान के मुताबिक शादियों के लिए हर साल लगभग 60,000 करोड़ रुपये के होटल के कमरे बुक किए जाते हैं. देश के बड़े रेडीमेड उद्योग के खिलाड़ियों ने सिर्फ शादी को ध्यान में रखते हुए एथेनिक वस्त्र निर्माण शुरू किया है. जबलपुर में एथेनिक रेंज बेचने वाले मान्यवर के मलिक राजेश जैन जैनु कहते हैं कि मुहूर्त ना होने से बिक्री नहीं के बराबर है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लिए सस्ते शादी के वस्त्र निर्माता रिसर्च इंडियन के संचालक अनुराग जैन का कहना है कि चूंकि अक्षय तृतीया में मुहूर्त नहीं था और उनका पूरा कारोबार ग्रामीण क्षेत्रों पर ही निर्भर है,इसलिए मैन्युफैक्चरिंग नहीं की जो इस उद्योग के लिए एक बड़ा नुकसान है.
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