New Rules from 1st July: बदलने जा रही हैं कई धाराएं, जुलाई से आईपीसी के तहत नहीं होगी कार्रवाई

IPC Rules to Change: जुलाई के महीने से आईपीसी की धाराओं के जगह बीएनएस की धाराओं के तहत पुलिस की कार्रवाई होगी. आइए आपको बताते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी..

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MP News: अब आपको 1 जुलाई से यह सुनने को नहीं मिलेगा कि पुलिस ने आईपीसी (IPC) की इस धारा में केस दर्ज किया है.. या कोर्ट ने आईपीसी की धारा के तहत फैसला सुनाया है...  इसकी जगह अब सुनाई देगा कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत यह कार्रवाई हुई है. वजह देश में 164 साल से चल रहे कानून के स्थान पर नया कानून लागू होने जा रहा है... इसमें न सिर्फ प्रक्रिया का नाम बदला है, बल्कि धाराओं को भी कम करके उनमें परिवर्तन किया गया है.

बदल रही है आईपीसी की धाराएं

देश में 1860 से लागू आईपीसी (इंडियन पीनल कोर्ड) कानून के अनुसार पुलिस और कोर्ट फिलहाल कार्रवाई करती है. 164 साल पुराने इस कानून को बदलकर केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता बनाई है, जिसमें आईपीसी की 511 धाराओं के स्थान पर सिर्फ 358 धाराएं रहेगी. मतलब उन धाराओं को हटा दिया गया, जिसका वर्तमान में कोई औचित्य नहीं हैं. वहीं, ऐसी धाराओं को अधिक कड़ा कर दिया गया, जिसमें सख्त सजा या फिर राहत देने की जरूरत थी.

दंड प्रकिया भी बदली

इसी के साथ एक जुलाई से दंड प्रक्रिया का भी नाम बदल जाएगा. 1972 से लागू दंड प्रक्रिया को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कहा जाएगा और इसी के अनुसार कोर्ट की कार्रवाई भी होगी. वहीं, 1872 में लागू साक्ष्य अधिनियम में भी बदलाव कर उसे लागू किया जा रहा है.

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ये होगा फायदा

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य अधिनियम को 1 जुलाई से लागू करने के लिए पुलिस और न्याय विभाग में ट्रेनिग का दौर चल रहा है. एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार, पुलिस कर्मियों को नए कानून की ट्रेनिंग तो दी ही जा रही है, साथ ही, सभी थानों में नए कानून और धाराओं से संबंधित पोस्टर भी लगाए जाएंगे. जिससे आम जनता को उसकी जानकारी हो सके.

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