मध्यप्रदेश के कई जिलों में इंटर्न डॉक्टर्स हड़ताल पर, मानदेय बढ़ाने की मांग

मध्यप्रदेश में MBBS लास्ट ईयर के इंटर्न डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.जिसके कारण कई जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं पर आंशिक असर पड़ा है. ये डॉक्टर्स कम वेतन और पढ़ाई की फीस ज्यादा होने की वजह से नाराज हैं. इन डॉक्टरों का कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजन शुक्ला से आश्वासन के बावजूद उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Intern Doctors on Strike: मध्यप्रदेश में MBBS लास्ट ईयर के इंटर्न डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite strike) पर चले गए हैं.जिसके कारण कई जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं पर आंशिक असर पड़ा है. ये डॉक्टर्स कम वेतन और पढ़ाई की फीस ज्यादा होने की वजह से नाराज हैं. इन डॉक्टरों का कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजन शुक्ला से आश्वासन के बावजूद उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हड़ताल कर रहे छात्रों का कहना है कि राज्य में पढ़ाई के दौरान उन्हें बतौर फीस 4 लाख 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि देनी होती है जबकि उन्हें स्टाइपेंड के तौर पर महज  ₹13,409 ही दिए जाते हैं. प्रदेश में इंदौर, शिवपुरी, विदिशा और छिंदवाड़ा से इन डॉक्टरों की नारेबाजी और प्रदर्शन की तस्वीरें आई हैं. आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं इन हड़ताली छात्रों की मांगें क्या हैं? 

हड़ताल पर डॉक्टर्स का कहना है कि मध्यप्रदेश में MBBS की पढ़ाई का खर्च दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा है लेकिन मानदेय इन्हीं राज्यों के मुकाबले काफी कम है. इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजन शुक्ला से 6 जुलाई को मुलाकात की थी.जिसके बाद मंत्री जी ने  15 दिनों में उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था. अब इंटर्न डॉक्टर्स का कहना है कि चूंकि सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है इसलिए वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. 
शिवपुरी में डॉक्टर ओम पटेल, डॉ गणपत गोधरा, डॉ इरफान पटेल और डॉ आयुषी किचलू ने बताया कि वे 2019 बैच के इंटर्न डॉक्टर हैं. वे 1 अप्रैल से लगातार ड्यूटी दे रहे हैं. 6 घंटे ड्यूटी देने के अलावा वे अपनी पढ़ाई भी कर रहे हैं लेकिन इस रकम से उनका खर्च नहीं निकल रहा है. इसी तरह छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज और विदिशा के अटल बिहारी वाजपई मेडिकल कॉलेज के भी इंटर्न डॉक्टर्स भी हड़ताल पर गए हैं. 

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