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This Article is From Feb 05, 2024

Indore News: मुख्य परीक्षा की डेट बढ़ाने के लिए MPPSC के ऑफिस का छात्रों ने किया घेराव

छात्रों का कहना है कि सबसे पहले सरकार तमाम रिक्त पदों को पूरा करने के लिए सही समय पर सही संख्या के साथ परीक्षा का आयोजन कराए. क्योंकि सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में मध्य प्रदेश के बेरोजगारों से वादा किया गया था कि 3 लाख पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी.

Indore News: मुख्य परीक्षा की डेट बढ़ाने के लिए MPPSC के ऑफिस का छात्रों ने किया घेराव
2019 में 500 से ज्यादा पदों के लिए निकली थी भर्ती

Madhya Pradesh News: बड़ी संख्या में 2023 के परीक्षार्थियों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के इंदौर (Indore) कार्यालय का घेराव किया. परीक्षार्थियों ने मांग की है कि मेंस मतलब मुख्य परीक्षा का समय बढ़ाया जाए. परीक्षार्थियों का कहना है की एमपीपीएससी ने मुख्य परीक्षा का समय मात्र 45 दिन दिया है. जबकि परीक्षार्थियों ने मांग की है कि मेंस के लिए कम से कम 90 दिनों का समय दिया जाए. 

मात्र 60 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है

छात्रों ने एमपीपीएससी के ऑफिस के बाहर धरना दिया लेकिन ना तो छात्र माने ना ही पीएससी प्रशासन ने उनसे कोई सार्थक बातचीत की. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के मुख्य कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे विद्यार्थियों की मुख्य मांग तो मुख्य परीक्षा का समय बढ़ाने की है, साथ ही उनका यह भी कहना है की मात्र 60 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है, जो गलत है.

2019 में 500 से ज्यादा पदों के लिए निकली थी भर्ती

यहां मौजूद छात्र आकाश पाठक ने कहा कि जब 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी उस समय भी 500 से ज्यादा पदों के लिए भर्ती निकाली गई थीं. ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठता है. विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार क्या बेरोजगारों को बेरोजगार ही रहने देना चाहती है. उनका कहना है कि सबसे पहले तो सरकार तमाम रिक्त पदों को पूरा करने के लिए सही समय पर सही संख्या के साथ परीक्षा का आयोजन कराए. क्योंकि सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में मध्य प्रदेश के बेरोजगारों से वादा किया गया था कि 3 लाख पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी.

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2019 में 87 प्रतिशत का ही रिजल्ट जारी किया था

जबकि इस घोषणा पत्र के विपरित भर्ती के लिए जो पद निकले हैं उनकी संख्या बहुत कम है. एक अन्य छात्रा बबिता चौहान ने कहा की आज देश का भविष्य सड़कों पर है, साथ ही विद्यार्थियों का कहना है कि 2019 में जारी रिजल्ट में 87% प्रतिशत का ही रिजल्ट जारी किया गया है, बचा हुआ 13% रिजर्वेशन के चलते होल्ड किया हुआ है यह भी न्यायोचित नहीं है.

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