
Raja Raghuvanshi Indore: ये कहानी किसी टीवी सीरियल स्क्रिप्ट की नहीं है, न ही किसी वेब थ्रिलर की काल्पनिक पटकथा. यह इंदौर के दो प्रतिष्ठित परिवारों की उस शादी की सच्ची दास्तान है, जो समाज की परिचय पुस्तिका से शुरू हुई और मेघालय के सघन जंगलों में खून से लथपथ एक नौजवान की लाश पर जाकर खत्म हुई.
कौन था राजा रघुवंशी
इंदौर के सहकार नगर के कैट रोड का रहने वाला राजा रघुवंशी अपने संयुक्त परिवार के सबसे छोटा बेटा था. परिवार में माता-पिता, दो बड़े भाई – सचिन और विपिन हैं. दोनों शादीशुदा और व्यवस्थित जिंदगी गुजार रहे हैं.
चार वर्ष पहले संभाली थी "रघुवंशी ट्रांसपोर्ट" की कमान
राजा ने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिछले चार वर्षों से "रघुवंशी ट्रांसपोर्ट" के अकाउंट और ऑपरेशन्स संभालने शुरू किए थे. उनका पारिवारिक कारोबार मुख्य रूप से स्कूल और कोचिंग संस्थानों को बसें किराए पर देने का है, जो 2007 से सुचारू रूप से चल रहा था.

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शादी के 13 दिन बाद मिला शव
राजा एक जिम्मेदार बेटा और भाई था, जिसका जीवन शादी के बाद एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा था, लेकिन किसी को क्या पता था कि 11 मई को शादी करने वाला युवक, 23 मई को एक पहाड़ी जंगल में लाश बनकर मिलेगा?
सोनम-फैक्ट्री संभालने वाली लड़की या प्लानर?
इंदौर के कुशवाह नगर की रहने वाली सोनम रघुवंशी अपने पिता देवी सिंह रघुवंशी की प्लाईवुड फैक्ट्री का हर विभाग खुद देखती थी. बिलिंग, अकाउंटिंग, सुपरविजन के साथ हर पहलू को सक्रियता के साथ देखरेख कर रही थी. एक ऐसा आत्मविश्वासी चेहरा, जिसे देखकर कोई भी कहे कि ये लड़की फैमिली बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है.

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राज कुशवाहा फैक्ट्री का कर्मचारी या...
इसी फैक्ट्री में बिलिंग डिपार्टमेंट में कभी काम करता था एक युवक राज कुशवाहा, जो अब राजा रघुवंशी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. डेढ़ साल पहले तक वह सोनम के घर के पास ही रहता था, उसे ही इस मामले में सोनम के साथ मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि सोनम और उसके बीच लव अफेयर था.

एक पुस्तिका से अरेंज मैरिज तक पहुंची बात
1 अक्टूबर 2024 को समाज की युवक-युवती परिचय पुस्तिका में राजा रघुवंशी और सोनम के नाम जुड़ते हैं. सोनम के पिता बताते हैं कि रामनवमी के दिन समाज में भंडारे के दौरान यह परंपरा निभाई जाती है. दोनों परिवारों का आपस में कोई परिचय नहीं था. पुस्तिका छपी, लड़की वालों ने लड़के की प्रोफाइल देखी,पसंद आया, फिर बात आगे बढ़ी. राजा की मां उमा रघुवंशी बताती हैं कि लड़की वालों ने हमसे संपर्क किया. मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हुआ और यह रिश्ता तय हो गया. न प्रेम कहानी, न कोई छुपा एजेंडा, बस एक सधी-सधाई अरेंज मैरिज.
शादी और फिर हनीमून, जहां से कभी वापसी नहीं हुई
11 मई 2025 को दोनों की शादी हुई. इस शादी से दोनों ही परिवार खुश थे. इस आदर्श विवाह की समाज में खूब चर्चा हुई. शादी के बाद दोनों पति-पत्नी 20 मई को हनीमून के लिए मेघालय रवाना हुए, लेकिन राजा वहां से वापस नहीं लौट सका. उनके घर आया तो सिर्फ एक शव.
जंगल में मिली लाश
23 मई को राजा की लाश एक जंगल में मिलती. उनके चेहरे पर वार, शरीर पर घाव, मोबाइल ऑफ, कोई कॉल डिटेल नहीं और पत्नी सोनम भी लापता थी. पुलिस को शक है कि हत्या सुनियोजित थी. सोनम ने पहले से सब कुछ प्लान कर रखा था.
वह सवाल, जिनके जवाब का सबको है इंतजार
- क्या शादी सिर्फ एक बहाना थी?
- क्या सोनम के पास पहले से कोई नेटवर्क था?
- क्या राज कुशवाहा की पुरानी पहचान कुछ और बताती है?
फिलहाल, सोनम हिरासत में है. राजा का परिवार सदमे में और इंदौर से मेघालय तक हर कोई बस एक ही बात पूछ रहा है कि ये प्यार था या एक प्लान?