Indore Contaminated Water Deaths Tragedy: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र (Indore Contaminated Water Deaths Tragedy) में घटित घटना के पश्चात अस्पताल पहुँचकर दूषित जल पीने से पीड़ित और प्रभावितों से मिलकर भरोसा दिलाते हुए कहा कि चिंता न करें, सब कुछ अब ठीक होगा. आप सभी पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घर सकुशल पहुँचेंगे. यहाँ आपको बेहतर से बेहतर उपचार नि:शुल्क दिया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि सभी प्रभावितों का नि:शुल्क उपचार सुनिश्चित किया जाये साथ ही इसकी निगरानी भी हो. यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रभावितों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावितों और उनके परिजनों से कहा कि राज्य शासन आपके साथ है. उन्होंने प्रभावितों तथा परिजनों के जीवन निर्वाह, कामकाज आदि के बारे में भी जाना.
अभी क्या स्थिति है?
सीएम मोहन यादव ने बताया कि बीते दो-तीन दिनों में लगभग 40 हजार से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 2 हजार 456 संदिग्ध मामलों में लक्षण पाए गए. इनमें से 212 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया, जिनमें 50 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 162 मरीजों का उपचार जारी है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वे स्वयं जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न अस्पतालों में जाकर मरीजों से मिले हैं और अधिकांश मरीजों की स्थिति स्थिर है.
घटना में लापरवाही पाये जाने पर जोन क्रमांक–4 के जोनल अधिकारी, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. प्रभारी उपयंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. मामले की गहन जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति भी गठित कर दी गई है.
समीक्षा बैठक में क्या हुआ?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई जलजनित घटना के संबंध में जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंदौर में समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना की पृष्ठभूमि, वर्तमान स्थिति और अब तक की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली तथा स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति किसी भी स्थिति में नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस संबंध में लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर हुई लापरवाही की जांच की जा रही है. विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार अधिकारियों एवं एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने घटना को दु:खद बताते हुए कहा कि इससे सबक लेकर भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए सरकार पूरी दृढ़ता से कदम उठाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. जलापूर्ति पुनः प्रारंभ होने पर कहीं भी लीकेज या प्रदूषण की आशंका पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से में जलापूर्ति शुद्ध पाई गई है, जबकि शेष हिस्सों में पुरानी एवं क्षतिग्रस्त लाइनों के कारण समस्या सामने आई है, जिन्हें दुरुस्त किया जा रहा है.
कहां-कहां गए सीएम?
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सा विशेषज्ञ और अस्पताल स्टॉफ से भी चर्चा की. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने अधिकरियों और चिकित्सकों को निर्देश दिये कि वे अस्पताल में भर्ती प्रभावितों के उपचार में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखें. प्रभावितों को बेहतर से बेहतर सुविधाएँ, नि:शुल्क दवायें, इंजेक्शन, जाँच और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाये. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों को शुद्ध पेयजल मिले. मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर में भागीरथपुरा में हुई घटना के प्रभावितों से मिलने 31 दिसम्बर की शाम को परदेशीपुरा स्थित वर्मा अस्पताल, नंदानगर स्थित बीमा अस्पताल,एमआईजी चौराहा स्थित डीएनएस अस्पताल, रेसकोर्स रोड़ स्थित शैल्बी अस्पताल, एम.वाय.अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में पहुँचे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावितों से अस्पताल में उपलब्ध कराए जा रहे उपचार तथा अस्पताल में भर्ती होने के पूर्व निर्मित हुई स्थितियों के बारे में और उनके कामकाज आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी ली. उन्होंने चिकित्सकों और प्रशासनिक अधिकारियों से चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की.
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