Indore BRTS Corridor: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप इंदौर में बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया 1 नवंबर 2025 से महापौर पुष्यमित्र भार्गव की उपस्थिति में औपचारिक रूप से शुरू हो गई. इंदौर नगर निगम द्वारा एजेंसी को बुलाकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जीपीओ चौराहे से इस कार्य का शुभारंभ किया गया.
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि बीआरटीएस हटाने का कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप रात के समय किया जाएगा ताकि शहर के यातायात पर न्यूनतम प्रभाव पड़े. प्रारंभिक चरण में स्टेशन, रेलिंग और जालियों को हटाया जा रहा है.
इंदौर महापौर ने यह भी कहा, “बीआरटीएस ने अपने समय में शहर की बहुत सेवा की है. यह 100 करोड़ रुपए से अधिक लागत का था. बस सेवा बंद नहीं हो रही है, बसें चलती रहेंगी, परंतु अब यह कॉरिडोर नए और सुंदर स्वरूप में दिखाई देगा.”
यातायात को मिलेगी नई राह
वर्ष 2013 में शुरू हुआ लगभग 11.47 किलोमीटर लंबा बीआरटीएस कॉरिडोर शहर की एक आधुनिक परिवहन परियोजना थी, जिसके माध्यम से लग्जरी बसों का संचालन किया जाता था. हजारों यात्री रोजाना इस सेवा का लाभ उठाते थे. लेकिन शहर की जनसंख्या और वाहनों की संख्या में तेज वृद्धि के साथ यह कॉरिडोर धीरे-धीरे ट्रैफिक जाम का कारण बनने लगा.
सुरक्षा और सुगमता पर रहेगा फोकस
महापौर भार्गव ने बताया कि बीआरटीएस हटाने के दौरान वैकल्पिक मार्गों और ट्रैफिक नियंत्रण की पूरी व्यवस्था की गई है ताकि नागरिकों को असुविधा न हो. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया क्रमिक रूप से पूरी की जाएगी, जिसमें पहले रेलिंग, फिर बस स्टेशन और अन्य संरचनाओं को हटाया जाएगा.
इंदौर का बीआरटीएस अब इतिहास बन रहा है, लेकिन इसके स्थान पर शहर को मिलने वाला नया परिवहन स्वरूप भविष्य की सुविधा और सुगमता की नई पहचान बनेगा.
यह भी पढ़ें : Indore BRTS Corridor: देवउठनी ग्यारस को बीआरटीएस तोड़ने का मुहूर्त; नगर निगम को मिल गई एजेंसी