Indian Railways: स्पेशल ट्रेनों का बुरा हाल; पैसेंजर गाड़ियों से भी बदतर चाल, जानिए कितना करना पड़ रहा इंतजार

Train Running Status: यात्रियों ने बताया कि नियमित ट्रेनों की तुलना में स्पेशल ट्रेनों का किराया काफी ज्यादा रखा गया है, लेकिन सेवा की गुणवत्ता में कहीं सुधार नहीं दिख रहा. किराया स्पेशल जैसा और चाल पैसेंजर से भी बदतर है. ठंड के मौसम में घंटों प्लेटफार्म पर इंतजार करना बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद मुश्किल हो रहा है. रात में जमाने वाली ठंड में 10–12 घंटे तक खड़े रहना उनके लिए किसी परीक्षा से कम नहीं.

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Indian Railways: स्पेशल ट्रेनों का बुरा हाल; पैसेंजर गाड़ियों से भी बदतर चाल, जानिए कितना करना पड़ रहा इंतजार

Train Running Status: फेस्टिवल और वैवाहिक सीजन में यात्रियों को भीड़भाड़ से राहत देने और कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है, लेकिन सतना जंक्शन से गुजरने वाली अधिकांश स्पेशल ट्रेनें यात्रियों के लिए मुसीबत का कारण बन गई हैं. अधिक किराया वसूलने के बावजूद इन गाड़ियों का शेड्यूल बुरी तरह बिगड़ा हुआ है. स्थिति यह है कि कई स्पेशल ट्रेनें 5 घंटे से लेकर 20 घंटे तक लेट चल रही हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ रही है.

यात्रियों का क्या कहना है?

यात्रियों ने बताया कि नियमित ट्रेनों की तुलना में स्पेशल ट्रेनों का किराया काफी ज्यादा रखा गया है, लेकिन सेवा की गुणवत्ता में कहीं सुधार नहीं दिख रहा. किराया स्पेशल जैसा और चाल पैसेंजर से भी बदतर है. ठंड के मौसम में घंटों प्लेटफार्म पर इंतजार करना बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद मुश्किल हो रहा है. रात में जमाने वाली ठंड में 10–12 घंटे तक खड़े रहना उनके लिए किसी परीक्षा से कम नहीं.

स्टेशन पर भीड़ बढ़ जाने से प्लेटफार्मों पर अव्यवस्था की स्थिति भी बनी रहती है. कई यात्रियों ने यह भी शिकायत की कि ट्रेन के लेट होने की सही जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं कराई जाती. रेलवे की सूचना प्रणाली में कमी के कारण यात्रियों में हर समय असमंजस की स्थिति बनी रहती है. ट्रेन के आने-जाने के समय में लगातार परिवर्तन से लोग आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं.

यात्रियों का कहना है कि यदि स्पेशल ट्रेन का किराया अधिक लिया जा रहा है तो सुविधा भी उसी स्तर की दी जानी चाहिए. लेकिन वर्तमान स्थिति में रेलवे न तो समय का पालन कर पा रहा है, न ही यात्रियों की परेशानी कम कर रहा है. लगातार बढ़ रही लेटलतीफी के बीच यात्री उम्मीद कर रहे हैं कि रेलवे प्रशासन जल्द सुधारात्मक कदम उठाए, ताकि फेस्टिवल सीजन की यात्रा उनके लिए कष्टदायक न बने.

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