
Indian Railways News: पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल द्वारा ट्रेनों के समय पर परिचालन को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. वर्ष 2024-25 में अभी तक के आंकड़ों के मान से रतलाम मंडल पूरे भारतीय रेलवे के 17 जोन के 68 मंडलों में दूसरे स्थान पर है. अप्रैल 2024 से 12 सितंबर तक जारी आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने 97.5 प्रतिशत समय-पालन के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है. वहीं दक्षिण रेलवे का मदुरई मंडल समय-पालन में पहले स्थान पर है.
मदुरई मंडल समय-पालन में पहले पायदान पर
दक्षिण रेलवे का मदुरई मंडल समयपालन में पहले स्थान पर आया है. इस अवधि के लिए जारी समयपालनता में प्रथम 10 स्थान में पश्चिम रेलवे का एक मात्र मंडल रतलाम मंडल है जो दूसरा स्थान पाने में सफल रहा है.
लोको पायलटों की मॉनिटरिंग से परिचालन समय तक मंडल प्रशासन रहा आगे
मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार के अनुसार, परिचालन, सिगनल, इंजीनियरिंग, बिजली सहित अन्य संबंधित विभागों के मध्य समन्वय से ट्रैक व अन्य मरम्मत कार्य के लिए ब्लॉक जारी करना और समय पर समाप्त करना, लोको पायलटों की मॉनिटरिंग, ट्रेन मैनेजरों आदि से परिचालन समय पर करने में मंडल प्रशासन आगे रहा.
हर दिन 150 से अधिक चलती है यात्री ट्रेनें
रतलाम मंडल पश्चिम रेलवे का एक महत्वपूर्ण मंडल है जो गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में फैला है. मंडल के विभिन्न स्टेशनों से होकर प्रतिदिन औसतन लगभग 150 से अधिक यात्री ट्रेनें और 70 से अधिक मालगाड़ियों का परिचालन किया जाता है. मंडल के अंतर्गत गोधरा, नागदा, भोपाल, चित्तौड़गढ़, चंदेरिया ये पांच ट्रेनों के हैंडिंग ओवर और टेकिंग ओवर पॉइंट हैं. यह मंडल ट्रेन परिचालन की दृष्टि से देखें तो काफी विविधताओं से भरा है. इतनी चुनौतियों के बावजूद मंडल के अधिकारी और कर्मचारियों के सतत प्रयास के चलते इस उपलब्धि को हासिल किया गया हैं.