Viaduct Rail Bridge: भारतीय रेलवे (Indian Railways) की पूरे देश में बहुत सारी परियोजनाएं चल रही हैं. इनमें से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक ऐसी योजना चालू है जो प्रदेश को रेलवे के क्षेत्र में नंबर 1 बना देगी. पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railways) के जबलपुर रेल मंडल (Jabalpur Rail Division) में भारतीय रेलवे का सबसे लंबा वायाडक्ट पुल (Longest Indian Rail Viaduct Bridge) कटनी (Katni) में बन रहा है. यह एक ग्रेड सेपरेटर (Grade Separator) की तरह काम करेगा. इस परियोजना को पूरी करने के लिए लगभग 1248 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह वायडक्ट पुल एक ग्रेड सेपरेटर की तरह काम करेगी. इस पुल की कुल लंबाई 18 किमी होगी.
दो लेवल पर पुल किया जा रहा तैयार (Katni Rail Viaduct Bridge Details)
कटनी जंक्शन (Katni Junction) के पास बनने वाला वायाडक्ट पुल दो लेवल में बनेगा. इसके बाद इस रूट पर रेल ट्रैफिक (Rail Traffic) को आसानी से कम किया जा सकता है. यहां बनने वाले अप ग्रेड सेपरेटर (Up Grade Separator) की लंबाई 16 किमी और डाउन ग्रेड सेपरेटर (Down Grade Separator) की लंबाई 18 किमी होगी. मतलब, इसकी कुल लंबाई 34 किलोमीटर होगी. इसमें वायाडक्ट 18 किमी, रिटेनिंग वॉल 3 किमी, अर्थवर्क 13 किमी के साथ अप और डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य पूरी तेजी से किया जा रहा है.
ग्रेड सेपरेटर परियोजना से लोगों को फायदा (Benefits of Katni Rail Grade Separator)
- कटनी-बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ेगा
- व्यस्त यार्ड से ट्रेनों का सिधे बायपास होगा
- पश्चिम मध्य रेल के रेल राजस्व में वृद्धि
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इस लिए साबित होगा उपयोगी
इस ग्रेड सेपरेटर परियोजना के बनने के बाद कटनी, कटनी मुड़वारा और न्यू कटनी जंक्शन के व्यस्त यार्ड को आसानी से और जल्दी से पार करने में मदद मिलेगी. अप ग्रेड सेपरेटर में कुल 260 स्पैन और डाउन ग्रेड सेपरेटर में 411 स्पैन बनाए जा रहे हैं. मौजूदा ट्रैक पर सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखते हुए दिन-रात लगातार ग्रेड सेपरेटर परियोजना का काम किया जा रहा है. अधिकारियों की मानें तो अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 तक पूरा होने की डेडलाइन दी गई है.
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