बाढ़ में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पलट गई सेना की नाव, गुना में ग्रामीणों का हाल बेहाल

Guna Flood Rescue: गुना जिले में बाढ़ से ग्रामीणों का रेस्क्यू करने के लिए सेना द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इसी दौरान सेना की एक नाव पलट गई. आइए आपको मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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गुना में बाढ़ के पानी में रेस्क्यू टीम की नाव पलटी

Guna News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना के बमोरी ब्लॉक के ग्राम सोंडा में बाढ़ में फंसे 100 ग्रामीणों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन (Flood Rescue Operation) के दौरान सेना की एक नाव पलट गई. हालांकि, सेना के जवानों ने बमौरी ब्लॉक में तैनात आपदा मित्रों ओर ग्रामीणों की सहायता से तत्परता दिखाते हुए स्थिति को तुरंत संभाला और नाव पर सवार सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है, जो राजस्थान बॉर्डर और पार्वती नदी की दो धाराओं के बीच एक टापू पर बसा हुआ है.

गुना में बाढ़ के पानी का तेज बहाव

कैसे हुआ हादसा?

बताया गया कि गांव की इस भौगोलिक स्थिति के कारण यहां बीते तीन सालों से लगातार बाढ़ के हालात बन रहे हैं. इस साल भी 100 से अधिक ग्रामीण गांव में फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए गुरुवार सुबह सेना के जवान पहुंचे थे. शुरूआत में ग्रामीणों ने यह कहते हुए गांव छोड़ने से मना कर दिया था कि नाव में पानी भरा हुआ है और हादसे की आशंका है. फिर भी अधिकारियों के कहने पर ग्रामीण रेस्क्यू के लिए तैयार हुए. बचाव अभियान के दौरान नाव अचानक पलट गई. नाव में सेना के जवान और आपदा मित्र बैठे थे, जिससे कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मच गई. लेकिन, सेना के जवानों की सूझबूझ और बहादुरी ओर आपदा मित्र ओर ग्रामीणों की मदद से सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया.

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ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन पर लगाए आरोप

ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने नाराजगी जाहिर की. आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने दबाव बनाकर उनकी जान को खतरे में डाला है. यह पहली बार नहीं है जब सोंडा गांव के लोगों को बाढ़ से बचाया जा रहा है. साल 2023 में भी गांव में बाढ़ आई थी और हर साल की यह समस्या अब ग्रामीणों और प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. तत्कालीन कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने बाढ़ ग्रसित लोगों को सलाह दी थी कि वे सोंडा के अलावा कहीं और अपना आशियाना बना लें. लेकिन, ग्रामीण अपने घर और इलाके से लगाव के चलते अभी भी तमाम चुनौतियों के बीच सोंडा में निवास कर रहे हैं.

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