
Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव की मिट्टी में पल रहा शख्स उसैन बोल्ट से कम नहीं है. सेना में भर्ती होने का सपना देख रहा यह शख्स हाइट कम होने की वजह से भर्ती नहीं हो पाया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. देश के लिए कुछ कर-गुजरने की जिद में अब वह एथलीट बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. आज वह दुनिया के सबसे तेज धावकों में से एक जमैका के उसैन बोल्ट को भी टक्कर दे दे. 10 सेकेंड में 100 मीटर तक दौड़ सकता है और एथलीट बनकर भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीतना चाहता है. यह शख्स कोई और नहीं छतरपुर जिले के खजुराहो के जटकारा गांव के धर्मेंद्र पटेल (28) हैं.

मां का हो चुका है कैंसर से निधन
धर्मेंद्र एक होटल में किचन हेल्पर का काम करते हैं. उनका सपना देश के लिए ओलंपिक मेडल (Olympic Medal) जीतना है. वह गांव की मिट्टी में ही प्रैक्टिस करते हैं. क्षेत्र में उन्हें बुंदेली टार्जन और धर्मेंद्र लाइजर के नाम से जाना जाता है. धर्मेंद्र मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. उनकी मां का 3-4 साल पहले कैंसर से निधन हो गया.
तीन बार सेना भर्ती में लिया हिस्सा
पिता खेती करते हैं, जिनकी सेहत ठीक नहीं रहती. धर्मेंद्र की शादी 2015 में हुई और उनके दो बच्चे हैं. धर्मेंद्र कक्षा 6 से ही सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे थे. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी. उन्होंने तीन बार सेना भर्ती रैली में हिस्सा लिया. ग्वालियर में दूसरे और शिवपुरी में पहले स्थान पर रहे, लेकिन एक इंच कम ऊंचाई के कारण चयन नहीं हो सका.
10 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ते हैं धर्मेंद्र
निराशा के बावजूद धर्मेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी. क्रिकेटर्स की सफलता से प्रेरणा लेकर उन्होंने दौड़ने का निर्णय लिया. उसैन बोल्ट और मिल्खा सिंह की कहानियों से प्रेरित होकर ट्रेनिंग शुरू की. अब वह 100 मीटर 10 सेकेंड में और 200 मीटर 22 सेकेंड में पूरा कर लेते हैं. उनका कहना है कि सरकारी मदद मिले तो वह ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीत सकते हैं.
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