Gyan Post: हर व्यक्ति तक पहुंचेगी 'किफायती शिक्षा'- ज्योतिरादित्य सिंधिया, जानिए क्या है ज्ञान पोस्ट सेवा?

Gyan Post Service: 'ज्ञान पोस्ट' के अंतर्गत भेजी जाने वाली पुस्तकों और मुद्रित शैक्षिक सामग्रियों को ट्रैक किया जा सकेगा और कम लागत के प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए सतही माध्यम से परिवहन किया जा सकेगा. पैकेजों को 300 ग्राम तक के पैकेट के लिए केवल 20 रुपए से शुरू होकर और 5 किलोग्राम तक के पैकेट के लिए अधिकतम 100 रुपए (लागू करों के अनुसार) बेहद सस्ती  दरों पर भेजा जा सकता है.

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Gyan Post Service: क्या है ज्ञान पोस्ट सेवा?

Gyan Post Service: केंद्र सरकार ने देश भर के पोस्ट ऑफिस (Post Office) के जरिए शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पुस्तकों की डिलीवरी को किफायती बनाने के लिए एक नई सेवा ‘ज्ञान पोस्ट' (Gyan Post Service) की घोषणा की है. केंद्रीय संचार एवं उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'ज्ञान पोस्ट' के विषय में राजपत्र अधिसूचना के प्रकाशन की घोषणा कर दी है. यह एक नई सेवा है जो संपूर्ण भारत में कम लागत में शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पुस्तकों का वितरण करती है. यह सेवा देश के हर हिस्से में शिक्षा का समर्थन करने और शिक्षार्थियों तक पहुँचने के लिए भारतीय डाक की निरंतर प्रतिबद्धता दर्शाती है.

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क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

शिक्षा एक सशक्त भविष्य का आधार है लेकिन सीखने के संसाधनों तक पहुँच भौगोलिक परिस्थिति या सामर्थ्य पर निर्भर नहीं होनी चाहिए. 'ज्ञान पोस्ट' को इस विश्वास के साथ सृजित गया है कि एक पाठ्यपुस्तक, एक  मार्गदर्शिका पुस्तिका या एक सांस्कृतिक पुस्तक अंतिम छोर तक पहुंच सकती है , यहाँ तक कि सबसे दूरदराज के गाँव या कस्बे तक भी पहुंच सके.

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प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने के लिए है ज्ञान पोस्ट सेवा : सिंधिया

इस अवसर पर माननीय संचार और उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति और पाठ्यक्रम के अंतर्गत "ज्ञान पोस्ट" प्रत्येक व्यक्ति तक शिक्षा पहुंच सके यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण वितरण तंत्र के रूप में कार्य करता है.

सीखने और ज्ञान साझा करने में सहायता करने के लिए तैयार किया गया 'ज्ञान पोस्ट' भारत के विशाल डाक नेटवर्क के माध्यम से पुस्तकें और मुद्रित शैक्षिक सामग्री भेजने के लिए सस्ता विकल्प प्रदान करता है. अधिक से अधिक व्यक्तियों तक इसकी पहुंच को प्रोत्साहित करने के लिए इसकी कीमत तय की गई है.

'ज्ञान पोस्ट' के अंतर्गत भेजी जाने वाली पुस्तकों और मुद्रित शैक्षिक सामग्रियों को ट्रैक किया जा सकेगा और कम लागत के प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए सतही माध्यम से परिवहन किया जा सकेगा. पैकेजों को 300 ग्राम तक के पैकेट के लिए केवल 20 रुपए से शुरू होकर और 5 किलोग्राम तक के पैकेट के लिए अधिकतम 100 रुपए (लागू करों के अनुसार) बेहद सस्ती  दरों पर भेजा जा सकता है.

कब से मिलेगी सेवा?

'ज्ञान पोस्ट' सेवा 1 मई, 2025 से पूरे भारत में सभी विभागीय डाकघरों में शुरू हो जाएगी. अधिक जानकारी निकटतम डाकघर या ऑनलाइन www.indiapost.gov.in पर उपलब्ध है .

क्या है खासियत?

  • ‘ज्ञान पोस्ट' के तहत भेजी जाने वाली पुस्तकों और मुद्रित शैक्षिक सामग्रियों को ट्रैक किया जा सकेगा और लागत प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए सरफेस मोड के माध्यम से परिवहन किया जा सकेगा.
  • पैकेजों को बेहद किफायती दरों पर भेजा जा सकता है, 300 ग्राम तक के पैकेट के लिए केवल 20 रुपए से कीमत शुरू हो जाती है. वहीं, 5 किलोग्राम तक के पैकेट के लिए अधिकतम 100 रुपए कीमत रखी गई है.
  • केवल गैर-वाणिज्यिक, शैक्षिक सामग्री ही ‘ज्ञान पोस्ट' के जरिए पोस्ट की जा सकेंगी.
  • व्यावसायिक या वाणिज्यिक प्रकृति के प्रकाशन और विज्ञापन (आकस्मिक घोषणाओं या पुस्तक सूचियों के अलावा) वाले प्रकाशन इस सेवा के तहत स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
  • मंत्रालय के अनुसार, प्रत्येक पुस्तक पर निर्धारित शर्तों के अनुसार मुद्रक या प्रकाशक का नाम होना चाहिए.
  • 'ज्ञान पोस्ट' के माध्यम से, भारतीय डाक सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी स्थायी प्रतिबद्धता दर्शाता है, जिससे शिक्षा की खाई को पाटने में मदद मिलती है.
  • भारतीय डाक सीखने के संसाधनों को अधिक सुलभ और किफायती बनाकर पूरे देश में व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने का काम कर रहा है.

'ज्ञान पोस्ट' के अंतर्गत केवल गैर-वाणिज्यिक, शैक्षणिक सामग्री ही भेजी जा सकेगी. इस सेवा के अंतर्गत व्यावसायिक या वाणिज्यिक प्रकाशन, या विज्ञापन (आकस्मिक घोषणाओं या पुस्तक सूचियों के अलावा) वाले प्रकाशन  स्वीकार नहीं किए जाएँगे. प्रत्येक पुस्तक पर निर्धारित शर्तों के अनुसार मुद्रक या प्रकाशक का नाम होना चाहिए. 'ज्ञान पोस्ट' के माध्यम से भारतीय डाक सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी स्थायी प्रतिबद्धता दर्शाता है, जिससे एक-एक किताब के माध्यम से शिक्षा दूरियां को कम करने  में मदद मिलती है. शिक्षण संसाधनों को अधिक सुलभ और आसान  बनाकर, भारतीय डाक पूरे देश में व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने की अपनी विरासत को जारी रखता है.

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