
Bhopal Women Criminal: आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है...ये सुनने को हर दूसरे दिन आपको मिल ही जाता है. इसे सुन कर अच्छा भी लगता है लेकिन अब भोपाल से 'आधी आबादी' को लेकर जो खबर सामने आई है वो चौंकाती है. दरअसल भोपाल में अपराध की दुनिया में महिलाओं का दखल बढ़ रहा है. इसी वजह से भोपाल पुलिस की गुंडा लिस्ट में भी महिला बदमाशों का रुतबा बढ़ने लगा है. हत्या,लूट,चोरी से लेकर हनीट्रैप जैसे संगीन मामलों में नारीशक्ति की दस्तक बढ़ती जा रही है. पहले कुछ आंकड़ों पर निगाह डाल लीजिए.

रजिया उर्फ रज्जो पर है 19 मामले
दरअसल भोपाल पुलिस का रोजनामचा अब अपराध के साहित्य का ऐसा ग्रंथ बन चुका है जिसमें हर तीसरे पन्ने पर एक महिला 'नायिका' है – नायिका इसलिए, क्योंकि उसने समाज की सीमाएं नहीं, थानों की हदें पार की हैं. ऐसा ही एक नाम है- रजिया उर्फ रज्जो. इन पर 19 मामले दर्ज हैं. जिसमें भोपाल के ऐशबाग से लेकर इंदौर के सराफा बाजार तक के थाने शामिल हैं. इन पर दर्ज मामले देखकर ऐला लगता है जैसे रज्जो ने थानों को अपना टूरिस्ट प्लेस बना लिया हो. रज्जो बुर्का गैंग चलाती है और आम तौर पर ज्वेलर्स को निशाना बनाती हैं. बुर्के की वजह से CCTV की निगाह से भी बच जाती है.
इन चार महिलाओं ने 40 वारदातों को दिया अंजाम
इसी तरह कोहेफिजा पुलिस थाने का मामला भी चर्चा में है. हां पुलिस ने जिन महिलाओं को पकड़ा उनके नाम हैं- अंजली,नगमा,ज्योति,मधु.उन्हें देख कोई कह नहीं सकता कि वे शादी में आई हैं या शगुन चुराने. वे मंगलसूत्र, अंगूठी, चेन – सबकुछ बड़ी सफाई से चुरा कर रफ्फूचक्कर हो जाने में महारथ रखती हैं. पुलिस के मुताबिक वे चारों डिशा में लूट सहित 40 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुकी हैं. कुछ ऐसी ही कहानी नगमा-रशीदा की भी है. स्मैक का धंधा छोड़कर वो ज्वेलर्स की दुकानों से 'कंगन उड़ाओ अभियान' में लगी हुई हैं. हालांकि भोपाल की सौम्या और मोनिका की कहानी कुछ अलग है. वे हनी ट्रैप एक्सपर्ट हैं. वो लोगों को फंसाती हैं और फिर उनसे पैसे ऐंठ लेती है. दोनों सगी बहने इस काम को बड़ी सफाई से अंजाम देती हैं. एक बार तो दोनों ने मिलकर 27 लाख रुपए एक जनाब से ऐंठ लिए.
एक साल 200 से ज्यादा मामले दर्ज
भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा इसकी पुष्टि करते हैं. उनके मुताबिक जुलूस,शादी,सामाजिक समारोह में चोरी की घटनाएं ज्यादा सामने आ रही हैं. इसमें महिलाओं की संलिप्तता भी बढ़ी है.
दरअसल स्थिति गंभीर है. बीते साल भर के अंदर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ही 90 से अधिक महिला अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ऐशबाग, तलैया, टीला जमालपुरा, हनुमानगंज, छोला थाना, गौतम नगर, जहांगीराबाद, निशातपुरा थाना क्षेत्र के रोचनामचे में महिला अपराधियों का दबदबा बढ़ा है.महिला अपराधों के मामले में सबसे ज्यादा भोपाल के पुराने शहर इलाका शामिल है. शहर के अलग अलग थानों में सालभर में 200 से ज्यादा महिला अपराधियों के नाम रोचनामचे में दर्ज हुए हैं.
अब सिर्फ पुलिस ही नहीं, अदालत भी इनके नाम से परेशान है. वकील भी मानते हैं – मामला अब ‘बंदा-परमेश्वर' का नहीं, ‘बंदी-बदमाश' का हो गया है.तो जनाब हम तो यही कहेंगे- तस्वीर बदल रही है — अब ना सिर्फ़ अपराध की दुनिया में महिलाएं कदम से कदम मिला रही हैं, बल्कि थानों के रोज़नामचों में भी उनका नाम बराबरी से चमक रहा है.
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