4 quack clinics sealed in Harda: हरदा मुख्यालय सहित जिले में बिना डिग्री के झोलाछाप मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए धड़ल्ले से इलाज कर एलोपैथी दवाईयां, इजेक्शन- बॉटल लगा रहे हैं. शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम शहर के खेड़ीपुरा में जहान मेडिकोज के अंदर पहुंची तो उसे पहले तो अंदर जाने से रोक दिया गया. काफी मशक्कत के बाद टीम अंदर पहुंची और खाली इंजेक्शन-बॉटर के रैपर जब्त किए. वहीं छिदगांव मेल में तीन झोलाछाप पर कार्रवाई कर दो क्लिनिक और तीसरा दिव्यांश मेडिकल के पीछे के कमरे में बैठकर इलाज करते हुए मिला. इसके बाद चारों को सिल कर दिया गया.
CMHO के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई
सीएमएचओ डॉ. एचपी सिंह के निर्देश पर डॉक्टर गंभीर पटेल ने कार्रवाई की. शहर के खेड़ीपुरा में झोलाछाप जानिब खान जहान मेडिकोज के अंदर छोटे से कमरे में मरीजों को इंजेक्शन-बॉटल लगाई गई. निरीक्षण के दौरान इनके खाली रैपर टीम ने जब्त किए. खान से टीम दस्तावेज नहीं दिखा सके. इसके बाद टीम ने मरीजों की जान से खिलवाड़ करने पर कार्रवाई करते हुए झोलाछाप का क्लिनिक सील कर दिया. वहीं छिदगांव मेल के दिव्यांश मेडिकल स्टोर के पीछे बॉटल इंजेक्शन लगाने की पुष्टि हुई. उससे पंजीयन के दस्तावेज मांगने पर वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए, इस पर कार्रवाई करते हुए दिव्यांश मेडिकल स्टोर छिदगांव मेल को सील कर दिया गया.
खेड़ीपुरा में अवैध क्लिनिक के अंदर जाने से टीम को रोका
शहर के खेड़ीपुरा में जब जहान मेडिकोज पर टीम पहुंची तो पहले उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया. टीम ने जब सख्ती दिखाई तो मेडिकल संचालक और झोलाछाप घबराए. टीम ने अंदर जाकर देखा तो मेडिकल के अंदर के कमरे में बेड लगे हुए थे, जहां झोलाछाप जानिब खान द्वारा छोटे से कमरे के अंदर मरीजों को इंजेक्शन-बॉटल लगाई गई. इसके रैपर जब्त किए. इसी तरह चारों स्थानों पर टीम की कार्रवाई का विरोध किया गया.
क्लिनिक छोड़कर भाग झोलाछाप डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग की टीम छिदगांव में टीके बिस्वास के क्लीनिक पर निरीक्षण के लिए पहुंची तो यहां बघवाड़ के मरीज छगनलाल को सीने में दर्द होने पर बॉटल चढ़ाई जा रही थी. टीम ने झोलाछाप से पंजीयन के दस्तावेज मांगें तो उसकी हवाइयां उड़ गई. वह वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाया और क्लिनिक छोड़कर भाग गया. ग्रामीणों की मौजूदगी में टीम ने क्लिनिक को सील किया. इसी तरह छिदगांव मेल के ही एनसी मंडल दवाखाना पर पंजीयन के दस्तावेज नहीं दिखा पाया. कार्रवाई करते हुए टीम ने उसका क्लिनिक भी सील कर दिया.
एक साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना हो सकता है
भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 धारा 15 (2) में बिना पंजीकरण आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इलाज, भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम 1970 की धारा 17 (4) औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 18 (सी) बिना लाइसेंस औषधि का विक्रय करने पर कार्रवाई की जाती है. वहीं झोलाछाप पर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) अधिनियम 2019 की धारा 34 के तहत बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस करने पर 1 साल तक की सजा या 5 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. वहीं इलाज से मरीज की मौत होने पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 के तहत लापरवाही से मौत के लिए 2 साल तक की सजा-जुमनि का प्रावधान है.
टीम ने चार जगहों पर की कार्रवाई
टीम ने हरदा में एक और छिदगांव मेल में तीन स्थानों पर कार्रवाई की. इसमें तीन झोलाछाप, एक मेडिकल स्टोर को सील किया। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.
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