
सूखे से जूझ रहे सतना जिले के गावों में पानी और बिजली का संकट विकराल होता जा रहा है. एक तरफ खेत सूख रहे हैं तो दूसरी ओर पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है. सोमवार को रामपुर बाघेलान विधानसभा के कृष्णगढ़ के ग्रामीणों ने बैठक कर चुनाव के बहिष्कार का नारा लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि उनके यहां के ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं जिनका सुधार नहीं होने से गांव में बिजली नहीं आ रही है. बिजली के कारण लोगों के बोर चल नहीं रहे और अन्य जलाशयों का पानी खतरनाक साबित हो सकता है.
"बिजली पानी नहीं तो वोट भी नहीं"
कृष्णगढ़ निवासी रज्जन सिंह ने बताया कि गांव में ही विद्युत वितरण केंद्र बना है. डोंगरी बस्ती में केन्द्र है और मुख्य गांव में बिजली उपलब्ध नहीं है. अधिकांश हैंडपंप में मोटर पड़ चुकी है लेकिन बिना बिजली पानी कैसे निकले? जब इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जाती है तो वे बेतुकी बातें करते हैं. ऐसे में हमारी एक मात्र मांग है कि बिजली बहाल की जाए ताकि लोगों को जीने और पीने के लिए पानी मिल पाए.

मुद्दे को लेकर गांव में हुई पंचायत
कृष्णगढ़ गांव की यह पंचायत अराजनीतिक लोगों ने की. बैठक में सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया है कि मंगलवार को जब भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा यहां से होकर गुजरेगी तब बिजली विभाग की करतूत से नेताओं को अवगत कराएंगे यदि कोई सुनवाई नहीं हुई तो इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. लिहाजा सभी ने एक राय होकर यह निर्णय लिया है कि यदि उनकी मांगों की पूर्ति नहीं की जाती तो वे विधानसभा चुनाव 2023 का बहिष्कार करेंगे.
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