IAS संतोष वर्मा बर्खास्त होने वाले हैं क्‍या? मध्य प्रदेश सरकार ने उठाया सबसे सख्त कदम

IAS Santosh Verma Dismissal: मध्य प्रदेश सरकार ने आईएएस संतोष को बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. वर्मा के खिलाफ सबसे सख्त कदम उठाया है. वर्मा ने कहा था "एक परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति को रिज़र्वेशन मिलना चाहिए, जब तक कि कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान न कर दे या रिश्ता न बना ले."

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IAS Santosh Verma Dismissal: मध्य प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ सख्त कदम उठाया है. विभिन्न संगठनों द्वारा उनके आचरण को लेकर की गई शिकायतों और ज्ञापनों का हवाला देते हुए, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव भेजा है.

हाल ही में आईएएस संतोष वर्मा द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं. उनके खिलाफ 2021 में गलत तरीके से पदोन्नति और धांधली के आरोप के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पत्र जारी किया है.

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पुरानी पदोन्नति में धांधली का आरोप

संतोष वर्मा मध्य प्रदेश राज्य सेवा के अधिकारी थे. वर्ष 2020 में राज्य प्रशासनिक सेवा से मध्‍य प्रदेश कैडर में आईएएस बनाया गया था. उस समय उन पर एक आपराधिक केस चल रहा था, इसलिए उनकी पदोन्नति रोक दी गई थी. आरोप है कि उन्होंने पदोन्नति पाने के लिए कोर्ट का फर्जी आदेश लगाया, जिसमें खुद को बेगुनाह बताया. 

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आईएएस संतोष वर्मा की गिरफ्तारी और जांच

जांच के बाद संतोष वर्मा को 10 जुलाई 2021 को गिरफ्तार किया गया. 48 घंटे से अधिक हिरासत में रहने के बाद, उन्हें 13 जुलाई 2021 को अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के तहत निलंबित कर दिया गया. इसके बाद वर्मा ने हाई कोर्ट से जमानत प्राप्त की. विवादित बयान के बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया है. अब केंद्र सरकार इस पूरे मामले पर अंतिम फैसला लेगी कि उन्हें सेवा में रखा जाए या नहीं.

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विवादित बयान के बाद बढ़ी मुश्किलें

23 नवंबर 2025 को भोपाल में AJAKS के प्रांतीय अधिवेशन में संतोष वर्मा ने कथित रूप से कहा था कि, "एक परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति को रिज़र्वेशन मिलना चाहिए, जब तक कि कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान न कर दे या रिश्ता न बना ले."

इस बयान से सामाजिक भावनाएं आहत हुईं और लोगों में गुस्सा फैल गया. इसके बाद कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने सरकार से शिकायत की कि उनके बयान समाज में तनाव पैदा कर रहे हैं और एक आईएएस अधिकारी के आचरण के खिलाफ हैं. शिकायतों के बाद, राज्य सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया और अब उन्हें बर्खास्त करने का प्रस्ताव दिल्ली भेजा गया है.

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