इंसानियत ! फायरिंग में शख्स हुआ घायल तो पुलिसवालों ने खून देकर बचाई जान

Crime News in Hindi : घायलों का बहुत खून काफी चुका था इससे उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी. उन्हें तत्काल खून चढ़ाने की जरूरत थी लेकिन उनका कोई परिजन खून देने के लिए मौजूद नही था.

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इंसानियत ! फायरिंग में शख्स हुआ घायल तो पुलिसवालों ने खून देकर बचाई जान

Madhya Pradesh News : अक्सर बढ़ते अपराधों को लेकर पुलिसकर्मियों पर कई सारे सवाल उठाए जाते हैं... लेकिन ग्वालियर में आज पुलिस का एक मानवीय चेहरा देखने को मिला जहां कुछ पुलिसवालों ने साबित कर दिया कि इंसानियत से बढ़ कर कुछ नहीं हैं. दअरसल, फायरिंग की एक घटना में तीन लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. ऐसे में पुलिस तीनों को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंच रही थी...लेकिन गोली लगने के चलते इनमें से दो भाइयों का बहुत ज़्यादा खून बह गया था और इनकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी. आलम ऐसा था कि दोनों घायलों को तत्काल खून चढ़ाने की जरूरत थी लेकिन उनके परिवार का कोई सदस्य वहां पर मौजूद नहीं था.

गोली लगने से बुरी तरह ज़ख़्मी हुए 2 भाई 

जब इस बात की खबर अस्पताल लेकर पहुंचें SHO और कांस्टेबल को लगी तो खुद डॉक्टर के पास पहुंचे और कहा कि मेरा रक्त ले लो लेकिन इनकी जान बचा लो. इसके बाद पुलिसवालों ने रक्तदान किया और घायलों की जान बचाते हुए इंसानियत की मिसाल पेश कर दी. मिली जानकारी के मुताबिक, आज सुबह महाराजपुरा के आदित्यपुरम इलाके में एक रिटायर फौजी ने पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग करके अपने पड़ोसी दो सगे भाइयों और उनके ही परिवार की एक महिला को घायल कर दिया. इसके बाद खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचीं. 

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पुलिस वालों ने बचाई दो घायलों की जान 

पुलिस ने गंभीर रूप से घायल राजवीर जाटव और अन्य परिजनों को अस्पताल पहुंचाया. घायलों का बहुत खून काफी चुका था इससे उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी. उन्हें तत्काल खून चढ़ाने की जरूरत थी लेकिन उनका कोई परिजन खून देने के लिए मौजूद नही था. यहां तक कुछ रिश्तेदार वहां थे भी तो खून देने के नाम पर वहां से चलते बने. ऐसे में डॉक्टरों ने कहा कि अगर जल्दी खून नहीं मिला तो हालत और बिगड़ सकती है. जब यह जानकारी महाराजपुरा थाने के TI धर्मेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने आगे बढ़कर डॉक्टर्स से रक्तदान करने की बात कही. इसके बाद TI ने तो रक्त दान किया ही साथ ही कांस्टेबल नागर सिंह गुर्जर और आरक्षक कुंज बिहारी शर्मा ने भी घायलों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया. इनके रक्त को फटाफट घायल राजवीर को चढ़ाया गया. इससे उसकी जान बच गई.

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