Ujjain ke Mahakal: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में होली (Holi) का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. यही वजह है कि शुक्रवार को धुलेंडी को तड़के भस्म आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल को पुजारी-पुरोहितों की ओर से हर्बल गुलाल (Herbal Gulal) अर्पित किया. वहीं, अब बाबा की दिनचर्या में भी परिवर्तन हो जाएगा. यानी शनिवार से बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा.
वैसे तो होली की शुरुआत गुरुवार संध्या आरती में बाबा महाकाल को गुलाल अर्पित कर और मंदिर परिसर में होलिका दहन के साथ हो गई, लेकिन शुक्रवार को धुलंडी होने से सुबह 4 बजे भस्म आरती में पुजारियों ने महाकाल मंदिर में विराजित सभी भगवानों का जल से अभिषेक किया. इसके बाद बाबा महाकाल का दूध दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक कर टेसू के फूलों से बने गुलाल अर्पित कर होली की शुरुआत की. हालांकि, इस बार प्रतिबंध के कारण भस्म आरती में शामिल श्रद्धालु मंदिर में होली नहीं खेल सके.
शरद पूर्णिमा तक शीतल जल से स्नान
सर्वविदित है कि वर्ष में दो बार बाबा महाकाल की दिनचर्या में परिवर्तन होता है. इसलिए परंपरानुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा गर्मी की शुरुआत मानी जाती है. इसलिए 15 मार्च यानी होली के दूसरे दिन से बाबा महाकाल को शरद पूर्णिमा तक ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद ठंड का मौसम शुरू होने पर गर्म जल से स्नान करवाकर ठंडक के लिए गतियां बांधी जाएगी.
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आरती का समय भी बदला
गर्मी में हर रोज होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदल जाएगा. अब दद्योदक आरती सुबह 7 से 7:45 बजे तक, भोग आरती सुबह 10 से 10:45 बजे तक और संध्या आरती शाम 7 से 7:45 बजे तक होगी. हालांकि. भस्म आरती (सुबह 4 से 6 बजे) और शयन आरती (रात 10:30 से 11 बजे) ही होगी.
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