Heart Transplant: ऐतिहासिक उपलब्धि! MP में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट, 3 जिलों में बना ग्रीन कॉरिडोर

Heart Transplant in MP: सीएम मोहन यादव ने कहा कि पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा बनी वरदान, 2 अनमोल जिंदगियों को मिला नया जीवन. दान किये गए अंगों के परिवहन के लिए पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के वायुयान और हेलीकॉप्टर दोनों साधनों का हुआ उपयोग.

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Heart Transplant: मध्य प्रदेश में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट

Heart Transplant in MP: मध्य प्रदेश में पहली बार सफलतापूर्वक हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. इसको लेकर सीएम मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश ने चिकित्सा सेवाओं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, इस उपलब्धि के लिये चिकित्सकीय टीम को बधाई. वहीं उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि इस प्रक्रिया में ग्रीन कॉरिडोर और पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का उत्कृष्ट उपयोग किया गया. स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, प्रशासन की सजगता और तालमेल ने ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अंगों को समय पर पहुंचाने का कार्य संभव हो सका. यह स्वास्थ्य विभाग और नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर और एम्स भोपाल के चिकित्सीय स्टॉफ की सजगता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण है. जबलपुर, भोपाल और इंदौर में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए, जो प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है.

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क्या मामला?

सागर जिले के ग्राम मानक्याई निवासी 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा के परिवारजनों द्वारा अंगदान की पहल को महान और प्रेरणादायक बताया जा रहा है. बलिराम कुशवाहा के परिवारजनों ने जो उदार और संवेदनशील निर्णय लिया है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी है. डिप्टी सीएम ने परिवारजनों की परोपकारिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका यह कदम एक नई जिंदगी देने का अद्भुत उदाहरण है और मानवता की सेवा का प्रतीक है.

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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का उपयोग गंभीर मरीजों के परिवहन के साथ इस प्रकार की आपातकालीन और महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं के लिए भी किया जा रहा है. यह सेवा हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक सशक्त बना रही है.

जबलपुर में ब्रेन डेड मरीज की सूचना मिलते ही राज्य शासन ने तुरंत कार्रवाई की थी. एम्स भोपाल के डॉक्टरों की एक टीम रातों-रात जबलपुर पहुंची और अंग रिट्रीवल की प्रक्रिया को अंजाम दिया. इस पूरी प्रक्रिया में जबलपुर, भोपाल और इंदौर में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए. पुलिस और चिकित्सा विभाग ने बेहतरीन समन्वय से अंगों का समय पर परिवहन सुनिश्चित हुआ.

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कहां क्या हुआ ट्रांसप्लांट?

ब्रेन डेड मरीज का हृदय (हार्ट) ग्रीन कॉरिडोर और एयर एम्बुलेंस के माध्यम से जबलपुर से भोपाल लाया गया. एम्स भोपाल में इस हृदय का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया. लीवर को हेलीकॉप्टर और वायुयान के माध्यम से इंदौर स्थित चोइथराम अस्पताल भेजा गया. लीवर को पहले हेलीकॉप्टर से भोपाल हवाई अड्डे लाया गया और वहां से वायुयान से इंदौर पहुंचाया गया. चोइथराम अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया हुई.

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