AQI in Madhya Pradesh: त्योहारों के दौरान बढ़ते प्रदूषण (Pollution) और खराब वायु गुणवत्ता (Bad AQI) को लेकर सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (National Green Tribunal) के सामने जवाब पेश किया है. जिसके बाद ट्राइब्यूनल ने शिकायतकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच को जवाब पर आपत्ति पेश करने का समय दिया है. बता दें कि बीते दिनों त्योहारों के दौरान हुई आतिशबाजी (Fireworks in Festivals) में मध्य प्रदेश की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई थी. जिसके बाद नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल में अवमानना याचिका दायर की गई थी. इस याचिका आरोप लगाया गया था कि प्रशासन ने पटाखों और आतिशबाजी को लेकर तय की गई समय सीमा को लेकर महज कागजी कार्रवाई की.
याचिकाकर्ता ने जताया ऐतराज
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के जस्टिस शिव कुमार सिंह और एक्सपर्ट मेंबर डॉ अफरोज अहमद की डबल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. 18 नवंबर को हुई सुनवाई में ट्रिब्यूनल ने सरकार को पटाखों की आतिशबाजी पर प्रतिबंध संबंधी कार्रवाई पर जवाब पेश करने को कहा था. जिस पर सरकार ने रिपोर्ट पेश करते हुए प्रतिबंधित पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई किए जाने की बात कही. इस रिपोर्ट पर याचिकाकर्ता डॉ पीजी नाजपांडे की ओर से मौखिक ऐतराज जाहिर किया गया और रिपोर्ट को महज कागजी बताया गया. जिसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को विस्तृत आपत्ति दर्ज करने की मोहलत दी.
वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के निर्देश
अवमानना याचिका कर्ताओं के अधिवक्ता प्रभात यादव ने बताया कि एनजीटी ने जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी. जिसमें हमारी आपत्ति को दर्ज किया जाएगा.
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