Gwalior News: ग्वालियर (Gwalior) के रहने वाले युवा योगगुरु की चीन (China) में रहस्यमय ढंग से मौत हो गई. सात दिन बीतने के बावजूद उनके परिजनों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. काफी प्रयासों के बाद चीन के दूतावास (Chinese Embassy) ने बताया कि उनकी मौत हो चुकी है. अधिकारी इसे आत्महत्या (Suicide) का मामला बता रहे हैं जबकि परिजन उनकी चीनी महिला और एक भारतीय युवा मित्र पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. परिजन अपने बेटे का शव भारत (India) मंगवाने के लिए लगातार भटक रहे हैं लेकिन अभी तक कहीं से कोई मदद नहीं मिल सकी है.
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बेंगलुरु से योग कोर्स करने के बाद गया था चीन
ग्वालियर के कम्पू इलाके में करतार होटल के पास रहने वाले सुरेंद्र सिंह कुशवाह का बेटा प्रबल बचपन से ही योगा और मलखम्ब जैसी गतिविधियों में शामिल था और फिर योगा का डिप्लोमा करने के लिए बेंगलुरु चला गया. वहां योग के साथ-साथ उसने चीनी सहित अनेक भाषाएं सीखीं. कुशवाह के मुताबिक योग क्लास के दौरान उसकी पहचान एक चीनी युवती सू चाइन और एक अन्य साथी मिस रोजी से हुई. योग कोर्स पूरा होने के बाद इन चीनी मित्रों के प्रयास से ही उसे बीजिंग के एक योग सेंटर में नौकरी का ऑफर मिला था. इसे एक अच्छा अवसर मानकर वह पिछले साल फरवरी में चीन चला गया था.
बुधवार को वीडियो कॉलिंग पर हुई थी बात
प्रबल अपने परिवार का इकलौता बेटा था. चीन जाने के बाद भी सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. बुधवार को वीडियो कॉलिंग के जरिए उसने घर पर बात की थी. इसके बाद से उसका फोन बंद आने लगा. परिजनों को शंका हुई तो उन्होंने चीन बुलाने वाली सू-चाइन और मिस रोजी से संपर्क किया तब इन लोगों ने भी परिजनों का फोन नहीं उठाया. बीते शनिवार को जब संपर्क हुआ तो उन्होंने बताया कि प्रबल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. काफी प्रयासों के बाद दूतावास ने भी उन्हें यही जानकारी दी.
परिवार ने सरकार से लगाई गुहार
इस सूचना के बाद से प्रबल का परिवार सदमे में है. उसके परिजन भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगा रहे हैं. दूतावास की ओर से बताया गया कि शव को भारत आने में डेढ़ महीने का समय लगेगा. इकलौते बेटे की चीन में हुई मौत के बाद उसके पिता सुरेन्द्र कुशवाह ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रबल के शव को जल्द से जल्द भारत लाने में मदद करने की अपील की है. साथ ही परिजनों ने भारतीय दूतावास से भी गुहार लगाई है कि प्रबल की मौत पर चीनी सरकार से निष्पक्ष जांच कराई जाए.
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शव आने में लगेंगे 40 से 45 दिन
प्रबल के परिजनों की ओर से उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए बताया गया कि कुछ दिनों पहले पैसों के लेनदेन को लेकर संस्था के मालिक और उसके बीच विवाद भी हुआ था जिसके बाद अब उसकी मौत की जानकारी सामने आई है. परिजनों का आरोप है कि उसने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसके मालिकों ने उसकी हत्या कर उसे फांसी पर लटकाया है. युवक की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने ट्वीट और पत्र व्यवहार के जरिए अनेक प्रयास किए तब कहीं जाकर दूतावास ने उसके परिजनों को बताया कि प्रबल का शव इंडिया आने में 40 से 45 दिन का समय लग सकता है.