रेलवे स्टेशन से लेकर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे तक, ग्वालियर के बड़े प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन पर सिंधिया की नजर

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि विकास योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित न रखकर उनका लाभ सीधे आमजन तक पहुंचाना ही उनका लक्ष्य है. इसी उद्देश्य के साथ हर विकास कार्य की नियमित और सतत निगरानी की जा रही है.

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सख्त मॉनिटरिंग से ग्वालियर की प्रमुख विकास परियोजनाओं में तेजी आई है. अंबेडकर धाम, एलिवेटेड रोड, ISBT ट्रांसफर, रेलवे स्टेशन पुनर्निर्माण और मल्टीलेवल पार्किंग जैसे लंबे समय से अटके कार्य अब तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भूमि अधिग्रहण, सड़क मरम्मत, स्टेशन मॉडर्नाइजेशन और एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. सिंधिया प्रत्येक कार्य की डैशबोर्ड से निगरानी कर रहे हैं और विभागों को समयबद्धता व गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दे रहे हैं.

केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर शहर में चल रही विविध विकास परियोजनाओं की लगातार गहन मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उनके नियमित डैशबोर्ड समीक्षा प्रयासों के परिणामस्वरूप सभी प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिल रही है. जिन कार्यों में लंबे समय से देरी हो रही थी- जैसे अंबेडकर स्मारक, जो लगभग 1.5 वर्ष से लंबित था; आईएसबीटी ट्रांसफर का मुद्दा, जो 4 महीने से अटका हुआ था, स्टेशन पुनर्निर्माण, एलिवेटेड रोड और क्षतिग्रस्त सड़कों से जुड़े कार्य हों, सभी में गति आई है. सिंधिया नियमित रूप से संबंधित विभागों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कर परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर रहे हैं.

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तेजी से हो रहा एलीवेटेड रोड फेज 1 और फेज 2 का काम: सिंधिया

एलीवेटेड रोड फेज–I और फेज–II की समीक्षा में पाया गया कि 17 नवंबर तक फेज–I के 204 पाइल कैप व फेज–II के 532 वर्किंग पाइल का निर्माण पूर्ण हो चुका है. भूमि अधिग्रहण में भी उल्लेखनीय प्रगति आई है. 59.53 करोड़ में से 57.41 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है, शेष अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी है. सिंधिया ने स्पष्ट निर्देश दिया कि इस महत्वपूर्ण परियोजना में किसी भी स्थिति में देरी नहीं होनी चाहिए. जो भी चुनौतियों सामने आएं उनका त्वरित समाधान किया जाना चाहिए.

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आगरा–ग्वालियर एक्सप्रेस-वे: भूमि अधिग्रहण के 70.36 करोड़ वितरित

आगरा–ग्वालियर एक्सप्रेस-वे परियोजना की ₹4613 करोड़ लागत वाली भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अब तक 70.36 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है. इस मामले को लेकर धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाह द्वारा अधिक मुआवजे की मांग किए जाने के कारण कार्य में रुकावटें आ रही हैं. एनएचएआई जल्द ही धौलपुर विधायक के साथ बैठक कर इस मुद्दे के समाधान का प्रयास कर रहा है. स्थानीय स्तर पर उत्पन्न अवरोधों को दूर करने के लिए भी एनएचएआई द्वारा शीघ्र बैठक आयोजित की जा रही है. ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्री स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार और आगरा जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं, ताकि यह कार्य जल्द पूरा हो सके.

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संतोषजनक प्रगति पर है अंबेडकर धाम का कार्य

डबरा स्थित जोरासी में 11.30 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे अंबेडकर धाम की प्रगति भी संतोषजनक है. परियोजना का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है, जिसके लिए फंड तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्वीकृत किया गया था. इसके बाद द्वितीय चरण के लगभग 8 करोड़ रुपये की राशि लंबित थी, लेकिन सिंधिया की सक्रिय पहल और निरंतर प्रयासों से यह स्वीकृति सुचारू रूप से प्राप्त हो सकी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा फंड स्वीकृत किए जाने के बाद अब दूसरे चरण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. केन्द्रीय मंत्री ने स्वयं अंबेडकर धाम पहुंचकर यह तय किया था कि बाबा साहेब की प्रतिमा स्मारक प्रांगण के बाहर स्थापित होगी ताकि प्रत्येक आगंतुक सबसे पहले उन्हें नमन कर सके. प्रतिमा की ऊंचाई 12 फीट से बढ़ाकर 20 फीट करने का निर्णय लिया गया. स्मारक में संग्रहालय का निर्माण होगा, जिसके कक्ष पंचतीर्थ स्थलों के नाम पर होंगे और इसके रखरखाव के लिए प्रबंधन समिति गठित की जाएगी. इस परियोजना को दिसंबर 2026 से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

मल्टीलेवल कार पार्किंग का कार्य जारी

मल्टीलेवल कार पार्किंग परियोजना, जिसकी लागत ₹82 करोड़ है, का काम भी तेजी से चल रहा है. 20 नवंबर तक बेसमेंट–2 से बेसमेंट–1 तक का 95 प्रतिशत कार्य, बेसमेंट–1 से ग्राउंड फ्लोर तक का 70 प्रतिशत कार्य, तथा ग्राउंड फ्लोर का 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. परियोजना के मार्च 2026 तक पूर्ण होने की संभावना है. इसके बन जाने से महाराज बाड़ा क्षेत्र में ट्रैफिक दबाव में महत्वपूर्ण कमी आएगी और नागरिकों को बेहतर पार्किंग सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. मंत्री सिंधिया ने निर्देश दिए हैं कि MLCP के संचालन के लिए एजेंसी का चयन शीघ्र अंतिम किया जाए.

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इंडस्ट्रियल म्यूजियम का का पूरा

सरकारी प्रेस बिल्डिंग के नवीनीकरण और औद्योगिक संग्रहालय परियोजना में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है. लगभग ₹16 करोड़ की इस परियोजना का 95 प्रतिशत कार्य 30 अक्टूबर तक पूर्ण हो चुका है और सॉफ्टवेयर परीक्षण जारी है. दिसंबर तक इसका कार्य पूर्ण कर इसे हस्तांतरित कर दिया जाएगा.

34 सड़कों का काम पूरा, 89 सड़कों का फंड आवंटित

केन्द्रीय मंत्री ने शहर की 359 सड़कों का तकनीकी मूल्यांकन कर उन्हें ग्रीन, येलो और रेड श्रेणियों में वर्गीकृत किया. समीक्षा में ग्रीन श्रेणी में 125 सड़कें, येलो श्रेणी में 63 सड़कें और रेड श्रेणी में 171 सड़कें पाई गईं. केन्द्रीय मंत्री सिंधिया की सतत निगरानी और निर्देशों के परिणामस्वरूप 11 नवंबर 2025 तक नगर निगम की 25 तथा पीडब्ल्यूडी की 9 सड़कों सहित कुल 34 सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है. इसके अतिरिक्त नगर निगम की 29 सड़कों के वर्क ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं तथा 48 सड़कें टेंडर प्रक्रिया में हैं. पीडब्ल्यूडी की 12 सड़कें शीघ्र ही कार्यारंभ की स्थिति में हैं. सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मरम्मत तथा निर्माण कार्य वर्ष भर आवश्यकतानुसार जारी रहें और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में शीघ्र समाधान प्रस्तुत किए जाएं.

ग्वालियर रेलवे स्टेशन का कार्य जल्द होगा पूरा

ग्वालियर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का ₹534.70 करोड़ की लागत वाला कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है. स्टेशन परिसर के पूर्वी हिस्से में पार्किंग निर्माण कार्य जारी है, जबकि पश्चिमी दिशा में आगमन एवं प्रस्थान भवन का सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है और वास्तुकला से संबंधित कार्य तेजी से चल रहा है. मंत्री सिंधिया ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परियोजना में समयबद्धता और गुणवत्ता, दोनों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो, ताकि कार्य निर्धारित अवधि के भीतर पूर्ण किया जा सके. मंत्री सिंधिया लगातार डैशबोर्ड के माध्यम से स्टेशन से जुड़े प्रत्येक सूक्ष्म कार्य की नियमित निगरानी कर रहे हैं, जिससे किसी भी चरण में देरी न होने पाए और सभी कार्य सुव्यवस्थित रूप से आगे बढ़ सकें.

ग्वालियर वेस्टर्न बायपास के 15 करोड़ वितरित

ग्वालियर वेस्टर्न बायपास परियोजना, जिसकी लागत ₹1347.6 करोड़ है, में भूमि अधिग्रहण हेतु 20 नवंबर तक 15 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है. इसके पूर्ण होने से शहर में यातायात का दबाव कम होगा. इसके अतिरिक्त, 1000 बेड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और जेएएच के मध्य 20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रहे अंडरब्रिज का कार्य 28 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुका है. यह अतिमहत्वपूर्ण परियोजना प्रशासनिक लापरवाही के कारण लगभग डेढ़ वर्ष तक लंबित रही थी, लेकिन मंत्री सिंधिया के हस्तक्षेप के बाद कार्य को तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए, जिसके परिणामस्वरूप निर्माण कार्य अब सुचारू रूप से प्रगति पर है. इस परियोजना का पर्ट चार्ट 12 नवंबर को प्रस्तुत किया गया है तथा इसे मई 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित न रहें

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि विकास योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित न रखकर उनका लाभ सीधे आमजन तक पहुंचाना ही उनका लक्ष्य है. इसी उद्देश्य के साथ हर विकास कार्य की नियमित और सतत निगरानी की जा रही है. उन्होंने जनभागीदारी, पारदर्शिता और समयबद्धता को कार्य की मूल आधारशिला बताते हुए कहा कि ग्वालियर की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से ग्वालियर आने वाले समय में और अधिक आधुनिक, सशक्त और व्यवस्थित स्वरूप में उभरेगा.

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